UP: अखिलेश यादव ने की निकाय चुनाव में इन सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा, रालोद ने किया समर्थन

यूपी निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बड़ा फैसला समाने आया है। सपा-आरएलडी गठबंधन में नहीं बन रही सहमति के बीच अब अखिलेश यादव ने बड़ौत और बागपत में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है। इसकी जानकारी देते हुए पार्टी ने ट्वीट कर लिखा कि बड़ौत और बागपत में समाजवादी पार्टी स्थानीय नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद हेतु चुनाव नहीं लड़ेगी और राष्ट्रीय लोकदल का समर्थन करेगी। ऐसे में अब माना जा रहा है कि बागपत और बड़ौत की सीट पर आरएलडी का उम्मीदवार होगा।

इससे पहले रालोद ने सपा द्वारा गठबंधन धर्म नहीं निभाने का आरोप लगाते हुए सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का एलान किया है। मेरठ नगर निगम महापौर प्रत्याशी की जल्द घोषणा करने के साथ पार्षद प्रत्याशी के लिए आवेदन तिथि दो दिन के लिए बढ़ा दी है। रालोद ने अब नगर निकाय चुनाव अकेले दम पर लड़ने की बात कही है। उधर, सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के आदेश का इंतजार है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही सपा-रालोद ने नगर निकाय चुनाव भी गठबंधन के साथ लड़ने का निर्णय लिया था। मेरठ नगर निगम महापौर की सीट सपा के लिए छोड़ दी थी।

सपा ने सरधना से विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को महापौर प्रत्याशी बनाया है। शनिवार को रालोद ने सहारनपुर से लेकर आगरा तक की नगरपालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 31 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। इस सूची में मवाना नगर पालिका परिषद से अय्यूब कालिया को प्रत्याशी घोषित किया गया था। उधर, सपा ने सोमवार शाम मवाना नगर पालिका चेयरमैन के लिए दीपक गिरी के नाम का ऐलान कर दिया।

रालोदियों ने पूरे मामले की जानकारी पार्टी हाईकमान को दी। प्रदेश मीडिया संयोजक सुनील रोहटा और जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ ने कहा कि पार्टी की निकाय चुनाव की पूरी तैयारी है। मेरठ नगर निगम में महापौर पद सहित 42 वार्डों से पार्षद प्रत्याशी फाइनल किए जा चुके हैं। बाकी बची सीटों पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी।

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