महाराष्ट्र में सियासी हलचल, सस्पेंस के बीच अजीत पवार पर सबकी निगाहें, जानिए पूरा मामला

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर महाराष्ट्र की सियासत में राजनीतिक भूचाल ला सकते हैं. अजीत पवार के बीजेपी के साथ होने की खबरों पर चर्चा तेज हो गई है. अटकलें हैं कि वो जल्द ही इस पर कोई फैसला ले सकते हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने बीजेपी में जाने या पाला बदलने की सभी अफवाहों को खारिज कर दिया है. हाल ही में अपने एक बयान में उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की बात को भी नकार दिया था. हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने बड़ा बयान दिया है. सुले ने कहा कि आगामी 15 दिनों में दो बड़े राजनीतिक विस्फोट होंगे. उन्होंने कहा, ‘एक विस्फोट दिल्ली और दूसरा महाराष्ट्र में होगा.’

पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि वो महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा हैं और गठबंधन को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिंदे गुट के अन्य 15 विधायकों को अयोग्य ठहरा सकता है. ऐसे में बनने वाली राजनीतिक स्थिति से नए अटकलों को बढ़ावा मिला है.

राजनीति के जानकार मानते हैं कि बीजेपी महाराष्ट्र में अपनी सरकार को बचाने के लिए अजित पवार की मदद ले सकती है. इसके लिए वो मुख्यमंत्री पद भी दे सकती है. बीजेपी को पता है कि अजित पवार को सीएम पद दिया जाए तो शायद वो हाथ मिलाने को तैयार हो सकते हैं. हालांकि, इन सभी कयासों के बीच अजित पवार ने कहा कि बीजेपी और उसके समर्थन वाले निर्दलीय विधायकों की संख्या 115 हैं, इसलिए अगर शिंदे गुट के 16 विधायक अयोग्य हो भी जाते हैं, तो भी मौजूदा सरकार के पास 149 विधायक बचेंगे. ऐसे में 16 विधायकों की अयोग्यता के बाद, 288 सदस्यीय विधानसभा में संख्या घटकर 272 हो जाएगी, फिर बहुमत के लिए 137 विधायकों की जरूरत होगी जो कि सत्तारूढ़ गठबंधन के पास होगा.

अजित पवार के पाला बदलने की बात पर अन्य पार्टी के नेताओं ने भी अपनी राय रखी है. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि अजित पवार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे. वह गठबंधन के साथ बने रहेंगे. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जब शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी तो पवार ने साफ कर दिया था कि एनसीपी बीजेपी के साथ जाने का फैसला नहीं करेगी.

इधर, शरद पवार ने कहा कि उनके परिवार के लोगों को जांच एजेंसियों की मदद से निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे में परिवार के लोग खुद अपना रास्ता तय कर सकते हैं. यही कारण है कि उनके भतीजे अजित पवार के बीजेपी में जाने की बातें हो रही हैं. हालांकि, शरद पवार ने आश्वासन दिया था कि एनसीपी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेगी.

कहा ये भी जा रहा है कि बीजेपी अजीत पवार के तुनकमिजाजी का फायदा उठाने के लिए ‘माइंड-गेम’ खेल रही है. इस पूरी चर्चा के बारे में सुप्रिया सुले कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि इसका जवाब तो अजित पवार ही दे सकते हैं. इधर, शिंदे गुट ने कहा कि बीजेपी अगर एनसीपी नेता के साथ हाथ मिलाती है तो ये उसका अपना फैसला होगा लेकिन शिंदे गुट कभी भी एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करेगी.

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