सेबी ने LPCC के भुगतान गारंटी कोष के लिए प्रारूप किया तैयार, दिए यह सुझाव
नई दिल्ली, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सीमित प्रयोजन समाशोधन निगम (LPCC) के निपटान गारंटी कोष (Settlement Guarantee Fund) के लिए एक रूपरेखा तैयार की है, जिसमें ऋण प्रतिभूतियों के माध्यम से पात्र जारीकर्ताओं से धन का अग्रिम संग्रह किया जाएगा।
एलपीसीसी पुनर्खरीद समझौते लेनदेन के समाशोधन और निपटान करने के लिए स्थापित एक इकाई है, जिसके लिए फिलहाल सेबी अग्रिम योगदान पर रूपरेखा के साथ आया है।
एस्क्रो खाते में रखी जाएंगी राशियां
सेबी ने कहा कि ऋण प्रतिभूतियों की मेच्योरिटी के आधार पर प्रति वर्ष ऋण प्रतिभूतियों के जारी मूल्य के 0.5 आधार अंक की राशि स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा ली जाएगी और ऋण प्रतिभूतियों के आवंटन से पहले एक एस्क्रो खाते में रखी जाएगी। यह राशि पब्लिक इश्यू या डेट सिक्योरिटीज के प्राइवेट प्लेसमेंट पर लागू होती है।
एक दिन में होगा भुगतान
स्टॉक एक्सचेंज राशि प्राप्त होने के एक कार्य दिवस के भीतर इस प्रकार एकत्रित राशि को एलपीसीसी के बैंक खाते में स्थानांतरित कर देंगे। साथ ही, एकत्र की गई राशि का विवरण स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा अपनी वेबसाइट पर भी दिखाया जाएगा। नियामक के मुताबिक, नया ढांचा एक मई से लागू होगा और पात्र जारीकर्ताओं को एलपीसीसी द्वारा अपनी जोखिम प्रबंधन नीति के अनुसार अधिसूचित किया जाएगा। यह ऋण प्रतिभूतियों में रेपो लेनदेन के लिए केंद्रीय प्रतिपक्ष सेवाओं की पेशकश करेगा।
2020 में हुई थी LPCC की स्थापना
सेबी ने सितंबर 2020 में एलपीसीसी की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बोर्ड ने निर्णय लिया था कि एलपीसीसी के निपटान गारंटी कोष के निर्माण के लिए ऐसी प्रतिभूतियों की लिस्टिंग से पहले हर साल ऋण प्रतिभूतियों के जारी मूल्य के 0.5 आधार अंक की राशि एकत्र की जानी चाहिए। AMC रेपो क्लियरिंग लिमिटेड (ARCL) को सेबी द्वारा एलपीसीसी के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी एआरसीएल को एक सीमित उद्देश्य के साथ समाशोधन निगम के रूप में कार्य करने की मंजूरी दी है।