जानिए कब है वैशाख का कालाष्टमी और शुभ मुहूर्त

7 अप्रैल से हिंदू कैलेंडर का दूसरा माह वैशाख आरम्भ हो चुका है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी ति​​थि को मासिक कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा। इस दिन रुद्रावतार काल भैरव की आराधना की जाती है। काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता मानते हैं। मंत्रों की सिद्धि और उनकी साधना निशिता मुहूर्त में की जाती है। काल भैरव का स्वरूप बड़ा ही भयावह है, उनका एक मात्र बटुक भैरव स्वरूप ही सौम्य है। जहां-जहां पर शक्तिपीठ हैं, वहां-वहां पर काल भैरव भी मौजूद हैं। 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, काल भैरव देवी की सुरक्षा में रहते हैं। पंचांग के मुताबिक, इस बार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 13 अप्रैल दिन बृहस्पतिवार को प्रात: 03 बजकर 44 मिनट पर आरम्भ हो रही है। इस तिथि का समापन 14 अप्रैल को 01:34 एएम पर हो रहा है। काल भैरव की पूजा निशिता मुहूर्त में होती है, इसलिए अष्टमी तिथि की निशिता मुहूर्त 13 अप्रैल को है। ऐसे में वैशाख की मासिक कालाष्टमी 13 अप्रैल को है।

13 अप्रैल को कालाष्टमी व्रत के दिन दो शुभ योग शिव एवं सिद्ध बने हैं। उस दिन शिव योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है। उसके पश्चात् से सिद्ध योग प्रारंभ हो जाएगा, जो अगले दिन सुबह तक है। ये दोनों ही योग पूजा पाठ की दृषि से शुभ हैं। शिव योग साधना के लिए अच्छा माना जाता है। कालाष्टमी व्रत की निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है। इस मुहूर्त में आप काल भैरव की पूजा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त दिन में भी पूजा कर सकते हैं। वैशाख की कालाष्टमी के दिन शिववास भी है। इस दिन रुद्राभिषेक भी कराया जा सकता है। 13 अप्रैल को प्रात:काल से लेकर देर रात 01 बजकर 34 मिनट तक शिववास गौरी के साथ है। रुद्राभिषेक के लिए शिववास का होना आवश्यक है, इसके बिना रुद्राभिषेक नहीं होता है।

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