RBI ने नई मौद्रिक नीति की घोषणा के साथ मुद्रास्फीति के 5% तक रहने का लगाया अनुमान

नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नई मौद्रिक नीति की घोषणा करने के साथ ही मुद्रास्फीति (Inflation) में कमी आने का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति में मामूली कमी आने के साथ इसे 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, फरवरी में इसे 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

मुद्रास्फीति में कमी आने से महंगाई में थोड़ी कमी आने की उम्मीद है, लेकिन आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगाह किया कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। दास ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ केंद्रीय बैंक की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि मुद्रास्फीति लक्ष्य स्तर पर नहीं आ जाती।

उन्होंने बताया कि उत्पादन में कटौती के OPEC के फैसले के कारण कच्चे तेल की कीमतों में हालिया उछाल के बीच मुद्रास्फीति में तेजी आने की आशंका बनी हुई है।

खुदरा मुद्रास्फीति में हो सकती बढ़ोतरी

खुदरा मुद्रास्फीति में तिमाही आंकड़ों के हिसाब से बढ़ोतरी होने का अनुमान है। जून तिमाही के लिए, खुदरा मुद्रास्फीति औसत 5.1 प्रतिशत, सितंबर और दिसंबर तिमाही में यह बढ़कर 5.4 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

मार्च 2024 की तिमाही में इसके घटकर 5.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

पिछले आंकड़ों को देखें तो खुदरा मुद्रास्फीति दो महीने के लिए आरबीआई के 6 प्रतिशत के ऊपरी स्तर पर रही है और फरवरी में यह 6.44 प्रतिशत थी।

RBI MPC में कोई बदलाव नहीं

RBI MPC घोषणा में जहां 25 बेसिस पॉइंट की बढ़त का अनुमान था, लेकिन इस बार दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और मौद्रिक नीति समिति की बैठक समाप्त होने के बाद रेपो दरों को 6.50 फीसद के स्तर पर बरकरार रखने की घोषणा की गई।

बढ़ा है आर्थिक वृद्धि अनुमान

चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को बढ़ने की बात कही है। शोधित वृद्धि दर को अब 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 6.4 प्रतिशत थी। विकास दर के बढ़ने के अनुमान के बीच सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुमान के मुकाबले घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker