कोरोना के बाद अब इस नए वायरस का बढ़ा खतरा, बच्चों को बना रहा शिकार, जानिए लक्षण और बचाव…

लखनऊ, कोविड-19 के बाद अब एडिनो वायरस का खतरा बढ़ रहा है। पिछले 15 दिनों में सौ से अधिक बच्चे इस संक्रमण की चपेट में आए हैं। इसका खतरा पांच साल तक के बच्चों में अधिक है। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पीडियाट्रिक विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर केके यादव कहते हैं, एडिनो से संक्रमित बच्चों में कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण नजर आते हैं।

इसमें लंबे समय तक सामान्य बुखार, आवाज बैठना, नाक बहना, निमोनिया, शरीर में रैशेस आना, कंजक्टिवाइटिस और पेट में संक्रमण की समस्या पाई जाती है। डा. केके यादव का कहना है कि एडिनो एक वायरल बीमारी है, जो बड़ों को नहीं सिर्फ बच्चों को संक्रमित करता है।

पिछले दो महीने के रिकार्ड पर ध्यान दें तो पश्चिम बंगाल और बिहार में यह वायरस तेजी से फैला है। उन्होंने बताया कि इस वायरस की चपेट में आने वाले बच्चों को पूरी तरह स्वस्थ होने में कम से कम 12-15 दिन लगते हैं।

इस बीमारी में खुद से कोई दवा न खाएं। इसके लिए सामान्यत: वायरल में खाने वाली दवाएं लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन डाक्टर के परामर्श के बाद ही दवा शुरू करें। डा. केके यादव के मुताबिक, एडिनो वायरस के लक्षण दिखते ही डाक्टर को दिखाएं।

क्योंकि देर से इलाज शुरू होने पर यह संक्रमण निमोनिया का रूप ले लेता है, जिससे बच्चों को आइसीएयू में भर्ती करने की नौबत आ जाती है। इसकी जांच भी कोरोना की तरह आरटीपीसीआर से होती है।

बच्चों को कपड़े का मास्क लगाकर स्कूल भेजें

डा. केके यादव का सुझाव है कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में भी तेजी देखी जा रही है। इसके अलावा अब यह नया वायरस भी पांव पसार रहा है। ऐसे में स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को कपड़े का मास्क लगाकर भेजें। जरूरी न हो तो बाजार या किसी कार्यक्रम में छोटे बच्चों को साथ ले जाने से बचें।

उन्होंने कहा, एडिनो वायरस का संक्रमण कोरोना की तरह ही फैलता है। यह वायरल संक्रमण है और किसी बीमार बच्चे के छींकने और खांसने से इसके फैलने की संभावना बढ़ जाती है। यह संक्रमित मल से भी फैलता है। हालांकि, अभी तक इसके कोरोना संक्रमण जैसे गंभीर होने के प्रमाण नहीं मिले हैं। समय से और सही डाक्टर के इलाज से बच्चे स्वस्थ हो रहे हैं।

ऐसे करें बचाव

  • बच्चे के स्कूल या बाहर से घर पहुंचने पर साबुन से अच्छी तरह हाथ धुलाएं
  • बच्चे को बताएं कि वह गंदे हाथ से नाक, मुंह और आंख न छुए।
  • घर के बर्तन को बाहरी व्यक्ति से साझा न करें।
  • बच्चों के भोजन में हरी सब्जी, फल और अंडा शामिल करें।
  • फास्ट फूड की आदत छुड़वाएं, क्योंकि अधिक फास्ट फूड बच्चों की भूख खत्म करती है और इसकी दुष्प्रभाव रोग-प्रतिरोधतक क्षमता पर पड़ता है।
  • लक्षण दिखने पर बच्चे को स्कूल न भेजें
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