दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे ओलाफ शोल्ज, पीएम मोदी से की मुलाकात
जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज दो दिवसीय भारत दौरे पर आज नई दिल्ली पहुंचे हैं। इनकी भारत यात्रा 25-26 फरवरी की रहेगी। स्कोल्ज के साथ वरिष्ठ अधिकारी और एक उच्चाधिकार प्राप्त व्यापार प्रतिनिधिमंडल है।
विदेश मंत्रालय की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया गया है कि इनकी भारत यात्रा 2011 में दोनों देशों के बीच अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) तंत्र की शुरुआत होने के बाद की किसी जर्मन चांसलर द्वारा की गई पहली स्टैंडअलोन यात्रा है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मु से करेंगे मुलाकात
सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में स्कोल्ज का स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान चांसलर शोल्ज ने कहा, “जर्मनी और भारत के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं और मुझे उम्मीद है कि हम इस रिश्ते को मजबूत करेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम अपने देशों के विकास और दुनिया में शांति के लिए प्रासंगिक सभी विषयों पर गहन चर्चा करेंगे।”
पीएम मोदी और स्कोल्ज दोनों पक्षों के सीईओ और बिजनेस लीडर्स के साथ भी बातचीत करेंगे। स्कोल्ज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे। जारी किए गए प्रेस रिलीज के मुताबिक, 26 फरवरी को चांसलर बेंगलुरु जाएंगे।
6वें अंतर-सरकारी परामर्श (IGC) के प्रमुख परिणामों का जायजा लेंगे
शोल्ज की यात्रा दोनों देशों को 6वें अंतर-सरकारी परामर्श (IGC) के प्रमुख परिणामों का जायजा लेने, प्रगति करने, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने, घनिष्ठ आर्थिक संबंधों की दिशा में काम करने, प्रतिभा की गतिशीलता के अवसर बढ़ाने और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में चल रहे सहयोग के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन देने में सक्षम बनाएगी।
दोनों देश अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर मिलकर करते हैं काम
विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज में कहा, “भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी साझा मूल्यों, विश्वास और आपसी समझ पर टिकी है। मजबूत निवेश और व्यापार संपर्क, हरित और सतत विकास के क्षेत्रों में सहयोग और बढ़ते लोगों से लोगों के बीच संबंधों ने द्विपक्षीय संबंधों को पहले से अधिक मजबूत किया है।” विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि दोनों देश बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर भी मिलकर काम करते हैं।
भारत और जर्मनी के संबंध बेहद मजबूत
भारत और जर्मनी के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी है। जर्मनी यूरोपीय संघ में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और लगातार भारत के शीर्ष 10 वैश्विक व्यापार भागीदारों में से एक रहा है। यह भारत में सबसे बड़े विदेशी प्रत्यक्ष निवेशकों में से एक है।