क्लासिकल डांसर कनक रेले ने का निधन, सोशल मीडिया यूजर्स ने जताया शोक

ग्लैमर वर्ल्ड से एक दुखद खबर सामने आई है। क्लासिकल डांसर कनक रेले ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। कनक रेले ने 85 की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली और हम सभी को छोड़कर चली गईं। पद्मभूषण और पद्मश्री से सम्मानित कनक रेले के निधन पर सेलेब्स और सोशल मीडिया यूजर्स शोक जाहिर कर रहे हैं।

करीब साढ़े सात बजे ली आखिरी सांस

बता दें कि बुधवार को कनक रेले ने अपनी आखिरी सांस ली। वह 85 वर्ष की थीं और उनके परिवार में उनके पति यतींद्र रेले, बेटा राहुल और बहू उमा और पोते-पोतियां हैं। जानकारी के मुताबिक एक सप्ताह से अधिक समय से बीमार रेले को मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने सुबह करीब साढ़े सात बजे अंतिम सांस ली। कनक रेले, जिन्होंने सात साल की उम्र से नृत्य करना शुरू किया था, मुंबई विश्वविद्यालय से नृत्य में डॉक्टरेट करने के अलावा, मुंबई और ब्रिटेन मेंएक वकील थीं।

ग्लैमर वर्ल्ड से एक दुखद खबर सामने आई है। क्लासिकल डांसर कनक रेले (Kanak Rele) ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। कनक रेले ने 85 की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली और हम सभी को छोड़कर चली गईं। पद्मभूषण और पद्मश्री से सम्मानित कनक रेले के निधन पर सेलेब्स और सोशल मीडिया यूजर्स शोक जाहिर कर रहे हैं। करीब साढ़े सात बजे ली आखिरी सांस बता दें कि बुधवार को कनक रेले ने अपनी आखिरी सांस ली। वह 85 वर्ष की थीं और उनके परिवार में उनके पति यतींद्र रेले, बेटा राहुल और बहू उमा और पोते-पोतियां हैं।

जानकारी के मुताबिक एक सप्ताह से अधिक समय से बीमार रेले को मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने सुबह करीब साढ़े सात बजे अंतिम सांस ली। कनक रेले, जिन्होंने सात साल की उम्र से नृत्य करना शुरू किया था, मुंबई विश्वविद्यालय से नृत्य में डॉक्टरेट करने के अलावा, मुंबई और ब्रिटेन मेंएक वकील थीं।

कई पुरस्कारों से हुईं सम्मानित

बता दें कि केरल के पॉपुलर मोहिनीअट्टयम डांस में कनक रेले निपुण थीं। क्लासिकल डांस में उन्होंने अपना अहम योगदान दिया जिसके लिए उन्हें इसका श्रेय दिया जाता है। इसके साथ ही कनर रेले ने एक कोरियोग्राफर के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कनक रेले को उनके 8 दशक के डांसिंग करियर में कई अलग अलग सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका था, उन्हें पद्मभूषण, पद्मश्री, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कालिदास सम्मान, एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी पुरस्कार जैसे तमाम पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।   

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