नॉर्थ कोरिया के समाचार पत्र ने दी चेतावनी, कहा- बाहरी आर्थिक ‘सहायता लेना होगा जहर के समान’

उत्तर कोरिया के आधिकारिक समाचार पत्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि भोजन की कमी से निपटने के लिए बाहरी सहायता पर निर्भर रहना जहर लेने के समान होगा। उन्होंने कहा कि इसलिए हमें बाहर से आर्थिक सहायता लेने के बजाय आत्मनिर्भर होने पर ध्यान देना चाहिए। उत्तर कोरिया में कोरोना के चलते प्रतिबंध लगाए गए हैं जिसके कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। देश को हाल के वर्षों में भोजन की कमी का सामना करना पड़ा है। देश को लगातार कोरोना के बढ़ते प्रतिबंधों और लगाए गए लॉकडाउन के कारण चीन के साथ व्यापार में कटौती का भी सामना करना पड़ा है।

“बाहरी आर्थिक सहायता है जहर के समान”

एक टिप्पणी में सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के अखबार रोडोंग सिनमुन ने “साम्राज्यवादियों” से आर्थिक सहायता प्राप्त करने के खिलाफ चेतावनी दी, जो प्राप्तकर्ता देशों को “लूटने और अपने अधीन करने” के जाल के रूप में सहायता का उपयोग करते हैं और उनकी आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करते हैं। अखबार ने कहा कि इस आर्थिक सहायता को स्वीकार करना एक जहर के समान है और यह मदद ले कर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की कोशिश करना एक गलती है।

अकाल और बीमिरियों से हुई है 700 कैदियों की मौत

यह लेख दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी से आया था। एक अज्ञात स्रोत का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में केंद्रीय शहर केचोन सहित तीन ग्रामीण इलाकों की जेलों में लगभग 700 कैदियों की अकाल और बीमारियों से मृत्यु हो गई है। लेकिन सियोल का एकीकरण मंत्रालय, जो अंतर-कोरिया को संभालता है, उन्होंने रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन मंगलवार को कहा कि उत्तर कोरिया के कुछ प्रांतों में भुखमरी से होने वाली मौतों में हाल ही में वृद्धि हुई है।

उत्तर कोरिया में गिर रहा है खाद्य उत्पादन का स्तर

कोरिया में एक अधिकारी ने संवाददाताओं से बताया कि देश में भोजन का वितरण और खाद्य आपूर्ति में परिवर्तन के कारण वहां खाद्य उत्पादन पिछले साल से गिर गया है। दिसंबर में दक्षिण कोरिया की ग्रामीण विकास एजेंसी ने भारी गर्मी के कारण और अन्य मौसम की स्थिति का हवाला देते हुए अनुमान लगाया कि पिछले साल उत्तर की फसल का उत्पादन लगभग 4.5 मिलियन टन था, जो 2021 से 3.8% कम है।

एकीकरण मंत्री एकीकरण मंत्री क्वोन यंग-से ने कहा कि प्योंगयांग ने संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी, विश्व खाद्य कार्यक्रम से सहायता प्रदान करने के लिए कहा था, लेकिन निगरानी के मुद्दों पर मतभेदों के कारण कोई प्रगति नहीं हुई।

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