हल्द्वानी में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म, दो आरोपित हुए अरेस्ट
मुखानी क्षेत्र में अनुसूचित जाति की किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने दोनों आरोपितों पर पाक्सो और दुष्कर्म की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर इन्हें गिरफ्तार कर लिया है। कोर्ट में पेशी के बाद इन्हें जेल भेज दिया है।
यह है पूरा मामला
मुखानी में रहने वाले एक युवक ने पुलिस को बताया कि पांच फरवरी को बहन बाजार सामान लेने गई थी। उसकी उम्र 17 वर्ष है। इस बीच गौरव जोशी बहन के पास पहुंचा और उसे बहला फुसलाकर जंगल में ले गया। जहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
यह है आरोप
आरोप है कि इसके बाद आरोपित ने अपने दोस्त सुमित रौतेला को बुला लिया। उसने भी बहन से दरिंदगी की। इसके बाद दोनों बहन को जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। जब वह लौटी तो उसे रोता देख स्वजन ने पूछताछ की। इस पर उसने पूरी घटना की जानकारी दी। मुखानी थानाध्यक्ष रमेश बोहरा ने बताया कि मेडिकल के बाद छात्रा को स्वजनों के सुपुर्द कर दिया है।
बाबी पंवार समेत सात को मिली सशर्त जमानत
भर्ती घोटालों की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर गत नौ फरवरी को गांधी पार्क के बाहर आंदोलन, पुलिस पर पथराव, उपद्रव व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार समेत सात प्रदर्शनकारियों को बुधवार को अदालत से सशर्त जमानत मिल गई।
ये था मामला
शनिवार से चल रही जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण सिंह की अदालत ने बुधवार को निर्णय सुनाया। अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदर्शनकारियों पर जानलेवा हमले की धारा-307 लगाने की याचिका को पर्याप्त साक्ष्य न होने पर खारिज कर दिया। साथ ही शर्त निर्धारित कर दी है कि जमानत के दौरान बाबी पंवार व अन्य आरोपित किसी भी आंदोलन में शामिल नहीं होंगे। अदालत ने इन सभी के सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधि और सार्वजनिक स्थल पर धरना-प्रदर्शन में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है। देर शाम सभी आरोपित जेल से बाहर आ गए। इसके साथ उपद्रव में गिरफ्तार किए गए वह छह अन्य प्रदर्शनकारी भी जेल से बाहर आ गए, जिन्हें लेखपाल भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए अदालत ने शनिवार को ही जमानत दे दी थी, लेकिन जमानत बंधपत्र जमा न करने के कारण यह रिहा नहीं हो पाए थे।