MBBS में दाखिला का झांसा ठगी करने वालें आरोपित को पुलिस ने किया अरेस्ट

एमबीबीएस में दाखिला दिलाने का झांसा देकर दर्जनों छात्रों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले सरगना यशवंत चौबे को मंगलवार को सेक्टर-126 कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्त में आए बदमाश नीरज पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। आरोपित के कब्जे से 1.5 लाख रुपये की नकदी, सोने की छह चेन, छह अंगूठी, सोने और चांदी के अन्य आभूषण,मोबाइल, डायरी, पेन कार्ड, आधार कार्ड और एटीएम कार्ड बरामद हुआ है। गिरफ्त में आए आरोपितों का लंबा आपराधिक इतिहास है।

आरोपित पर होगी गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई

ऐसे में आरोपित के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई की जाएगी। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें बीते एक माह से तीन राज्यों के सात शहरों में दबिश दे रही थीं। सूचना पर आरोपित को बोटेनिकल गार्डन के पास से गिरफ्तार किया गया है। जालसाज ऐसे छात्रों और उनके अभिभावकों से संपर्क करता था और उन्हें सरकारी कालेज में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने का झांसा देते थे।

झांसे में लेने के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों से 15 से 30 लाख रुपये वसूल लेते थे। 80 प्रतिशत नकदी और 20 प्रतिशत पैसा आनलाइन माध्यम से लिया जाता था। 13 जनवरी को इस गिरोह का पर्दाफाश कर कोतवाली पुलिस ने दो शातिरों को गिरफ्तार किया था। अंतरराज्यीय जालसाजों के पास से रेंट एग्रीमेंट, आठ आधारकार्ड, नौ नए सिम, चार चेक बुक, एक डेबिट कार्ड और मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद हुआ था।

बिहार और यूपी के रहने वाले हैं जालसाज

जालसाजों की पहचान बिहार के मुजफ्फरनगर के दीपक कुमार और बांदा के कोतवाली नगर के राजेश कुमार आहूजा के रूप में हुई थी। आरोपित ने ने सेक्टर-125 स्थित एक इमारत में ट्रूथ एडवाइजर्स कैरियर कंसल्टेंसी नाम से अक्टूबर में आफिस खोला था। तीन जनवरी को लखनऊ के एक व्यक्ति ने कोतवाली पुलिस को शिकायत दी थी कि एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर जालसाजों ने उनकी बेटी से करीब 14 लाख रुपये ले लिए। पैसे ट्रांसफर होने के बाद आरोपितों ने अपना नंबर बंद कर दिया था।

लखनऊ की दर्शिका सिंह को आरोपितों ने वाराणसी के एक मेडिकल कालेज में दाखिला दिलाने का झांसा दिया और लाखों रुपये ठग लिए थे। गिरोह का सरगना यश चौबे है, जो जय मेहता, यशवंत चौबे और यश चतुर्वेदी सहित अन्य छद्म नाम से छात्रों से संपर्क करता था।

गिरफ्त में आए दीपक का छद्म नाम दीपेंद्र है। अभी तक मालवीय नगर ,कानपुर, लखनऊ, नोएडा सहित अन्य जगह आफिस संचालित होने की जानकारी मिली है। गिरोह के शातिरों ने गुजरात, लखनऊ, कानपुर और राजस्थान के छात्रों के साथ भी ठगी की है।

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