MP के सीधी में किसान के शव के लिए नहीं वाहन ना मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में खेत में बाड़ी लगा रहे किसान की बिजली के करंट से मौत हो गई. उसके शव को मॉर्चुरी तक ले जाने के लिए शव वाहन नसीब नहीं हुआ. परिजन उसके शव को ट्रैक्टर ट्रॉली में ले गए. इस बात को लेकर किसानों में आक्रोश है. उनका आरोप है कि गांव में आवारा मवेशी फसल चौपट कर रहे हैं. इसके लिए प्रशासन कोई ठोस प्रबंध नहीं कर रहा. चंदा इकट्ठा कर शव वाहन खरीदा और प्रशासन को दिया. इसके बावजूद किसानों को शव वाहन तक नसीब नहीं.
इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि शव वाहन खराब था. पुलिस ने किसान के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस इस बात को कबूल कर रही है कि आवारा मवेशियों से फसल बचाने के चक्कर में किसानों की मौत हो रही है. यह घटना जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित सिहौलीया ग्राम पंचायत में घटी. प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि गांव में आवारा मवेशी से किसान परेशान हैं. किसान मुद्रिका साकेत भी उनसे अपनी फसल बचाने के लिए चने के खेत में बांस की बाड़ी लगा रहा था.
हाईटेंशन लाइन से टकरा गया बांस
किसान के बांस की ऊंचाई ज्यादा थी. बांस 11,000 वॉट की हाईटेंशन लाइन से टकरा गया. इससे मुद्रिका को करंट लगा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही बहरी थाना पुलिस और बिजली विभाग के कर्मी मौके पर पहुंचे. उन्होंने प्राथमिक जांच की और पंचनामे की कार्रवाई की. इसके बाद किसान के शव को मॉर्चुरी तक ले जाने के लिए शव वाहन मंगाने की बात कही गई. लेकिन, शव वाहन नहीं मिल सका. इसके बाद परिजन किसान का शव ट्रैक्टर से ले गए.
किसानों ने लगाया लापरवाही का आरोप
ये देख किसानों ने रोष जताया और जिला प्रशासन पर लापरवाह होने का आरोप लगाया. किसानों ने कहा कि हम सभी ने चंदा इकट्ठा कर प्रशासन को शव वाहन सौंपा गया था. लेकिन, लापरवाही के चलते उसका संचालन नहीं हो पा रहा. शर्म की बात है कि किसान का शव ट्रैक्टर से ले जाना पड़ा. किसानों ने कहा कि गांव में गौशाला भी है. प्रशासनिक अधिकारी चाहें तो आवारा मवेशियों से किसानों को राहत दिला सकते हैं. लेकिन, वे कोई ठोक व्यवस्था नहीं करते.