ब्रिटेन के प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केल को छोड़ना होगा कैलिफोर्निया शहर, जानिए कारण

मॉन्टेसिटो,  ब्रिटेन के प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केल को कैलिफोर्निया शहर को छोड़ने के लिए कहा गया है। फायर फाइटर्स की ओर से चेतावनी दी गई है कि भूस्खलन से लग्जरी घरों को भी नुकसान हो सकता है। मॉन्टेसिटो में 24 घंटे में आठ इंच (20 सेंटीमीटर) तक बारिश होने की आशंका जाहिर की गई है। पहाड़ियों पर पहले से ही कई हफ्तों से बारिश हो रही है। लॉस एंजिल्स से 90 मिनट की दूरी पर बसे इस शहर में आपातकालीन अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में रहने वाले हर शख्स को वहां से निकल जाना चाहिए।

लोगों से की इलाका छोड़ने की अपील

बता दें कि ओपरा विन्फ्रे और जेनिफर एनिस्टन जैसे अमेरिकी मनोरंजन जुड़ी कई हस्तियां इस शहर में रहती हैं। अग्निशमन विभाग की वेबसाइट में कहा गया, “अब इस जगह को छोड़ दें! यहां तेजी से स्थितियां बदल सकती है। कृपया आपातकालीन अलर्ट पर ध्यान दें।” लाखों डॉलर की लुभावनी संपत्तियां कैलिफोर्निया के ग्रामीण इलाकों में फैली हुई हैं। ये एक पर्वत श्रृंखला की तली पर बसा है, जो पांच साल पहले आग से पूरी तरह तबाह हो गया था।

औसत ने अधिक हुई बारिश

पेड़ों और झाड़ियों के बिना अब बारिश की वजह से मिट्टी का कटान और भूस्खलन हो सकता है। मॉन्टेसिटो फायर डिपार्टमेंट ने ट्वीट किया, “पिछले 30 दिनों में मॉन्टेसिटो में 12 से लेकर 20 इंच से अधिक बारिश हुई है। ये हमारे वार्षिक औसत 17 इंच से अधिक है।”

12 लोगों की हो चुकी है मौत

मॉन्टेसिटो से लोगों को निकल जाने का आदेश तब दिया गया है, जब कैलिफोर्निया में तूफानों की झड़ी लगी हुई है। इसकी वजह से पहले ही 12 लोगों की मौत हो चुकी है। गोल्डन स्टेट के एक बड़े हिस्से में पहले ही बाढ़ की चेतावनी के दी जा चुकी है।

बन सकती है खतरनाक स्थिति

नेशनल वेदर सर्विस ने बताया कि भारी बारिश और भारी पहाड़ी हिमपात कैलिफोर्निया को प्रभावित कर सकते हैं। मध्य कैलिफोर्निया के तटीय क्षेत्रों में पूरे सोमवार को पांच इंच (13 सेंटीमीटर) तक बारिश हो सकती है। राज्य के दक्षिण क्षेत्र में बारिश होगी। सिएरा नेवादा के पहाड़ छह फीट (1.8 मीटर) तक बर्फ की चपेट में आ सकते हैं, जिससे खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है। सोमवार को एक लाख से अधिक घरों में बिजली नहीं थी।

जलवायु परिवर्तन का असर

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये मानव जनित जलवायु परिवर्तन का असर है। ये जीवाश्म ईंधन के अनियंत्रित इस्तेमाल की वजह से हो रहा है। इसने मौसम में होने वाले बड़े बदलावों को सुपरचार्ज कर दिया है, जिससे सूखे इलाके और ज्यादा सूखे हो रहे हैं और पानी वाली जगहों पर ज्यादा बारिश हो रही है।

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