म्यांमार की मिलिट्री कोर्ट ने आंगसान सू की सजा 7 साल के लिए बढ़ाई , 5 नए मामलों में आरोपी ठहराया

दिल्ली: म्यांमार की मिलिट्री कोर्ट ने लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की सजा को 7 साल के लिए और बढ़ा दिया है। अब उनकी कुल सजा बढ़कर 33 साल की हो गई है। कोर्ट ने सू की को आरोपी ठहराते हुए कहा कि उन्होंने एक मंत्री के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने में नियमों का पालन नहीं किया था।

मिलिट्री कोर्ट ने सू की को शुक्रवार को पांच और मामलों में 7 साल की सजा सुनाई है। सू की को पिछले 18 महीनों में 19 मामलों के लिए ट्रायल पर रखा गया था। दुनिया भर के मानवाधिकार संगठन इसका विरोध कर चुके हैं। 2021 में हुए तख्तापलट के बाद आंग सान सू की सजा को म्यांमार की मिलिट्री कोर्ट कई बार बढ़ा चुकी है। अगस्त में सैन्य शासित म्यांमार के एक कोर्ट ने आंग सान सू की की सजा 6 साल के लिए बढ़ा दी थी।

इस दौरान उन्हें भ्रष्टाचार के कई आरोपों में दोषी ठहराया गया था। सू की पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर सार्वजनिक जमीन को बाजार से कम कीमतों पर किराए पर लिया और चैरिटी के नाम पर पैसे लेकर वहां घर बनाया। इसके बाद सितंबर में भी चुनाव में घोटाले से जुड़े आरोपों में उन्हें तीन साल की सजा दी गई थी। जिसके बाद उनकी कुल सजा 20 साल की हो गई थी। अक्टूबर में भी एक लोकल टाइकून से 4 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के मामले में उनकी सजा 3 साल के लिए बढ़ाई गई थी।

UN सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में म्यांमार को लेकर 74 साल में पहली बार कोई प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें तुरंत प्रभाव से हिंसा रोकने और आंग सान सू की समेत सभी राजनीतिक कैदियों को छोड़ने की मांग की गई। UNSC में शामिल 15 देशों में से 12 देशों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट दिया। वहीं भारत, चीन और रूस वोटिंग में शामिल नहीं हुए। यह प्रस्ताव ब्रिटेन ने पेश किया था।

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