उप सचिव सौम्या की गिरफ्तारी पर भड़के छत्तीसगढ़ के सीएम, बघेल ने कहा- कार्रवाई राजनीति से प्रेरित

रायपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ उप सचिव सौम्या चौरसिया को राज्य में कथित कोयला ढुलाई घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में शुक्रवार को गिरफ्तार किया. रायपुर जिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक विशेष अदालत ने चौरसिया को चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. इस पर सीएम बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ईडी की कार्रवाई को ‘राजनीतिक कार्रवाई’ बताया है.

चौरसिया के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद अधिकारी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया. ईडी ने चौरसिया की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया लेकिन विशेष अदालत ने दलीलें सुनने के बाद केवल चार दिन की हिरासत प्रदान की. रिजवी ने कहा कि ईडी ने उनकी हिरासत का अनुरोध करते हुए अधिकारी द्वारा एक कथित भूखंड की खरीद का उल्लेख किया, जो आयकर विभाग के दायरे में आता है और उन्होंने पहले ही इस सौदे के बारे में स्पष्टीकरण दे दिया था. उन्होंने कहा कि ईडी का मानना है कि भूमि खरीद के लिए इस्तेमाल किया गया धन कोयला ढुलाई घोटाले से आया हो सकता है.

ईडी की कार्रवाई के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे- सीएम बघेल
वहीं, ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडे ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी के पास मामले में चौरसिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. राज्य की शक्तिशाली नौकरशाह मानी जाने वाली चौरसिया को पूछताछ के बाद पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद अधिकारी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों के पहरे में स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया. घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि मैं कहता रहा हूं, ईडी द्वारा मेरी उप सचिव सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी एक राजनीतिक कार्रवाई है. हम इसके खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे.’’

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सीएम ने कहा- हद पार कर रही एजेंसी
बघेल ने पिछले हफ्ते ईडी पर निशाना साधते हुए जांच एजेंसी पर अपनी हद पार करने और राज्य में लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाया था. ईडी ने अपनी जांच के तहत अक्टूबर में राज्य के कई शहरों में छापेमारी की थी. जांच एजेंसी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया. चारों न्यायिक हिरासत में जेल में हैं.

आयकर विभाग की शिकायत पर ईडी ने शुरू की जांच
ईडी द्वारा आयकर विभाग की एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई. ईडी ने कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ‘‘एक बड़े घोटाले से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यवसायी, नेता और बिचौलिए के गठजोड़ द्वारा छत्तीसगढ़ में ढुलाई किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की गई है.’’

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