500 फ्रिज की पुलिस ने ली तलाशी, तब सुलझी पांडव नगर मर्डर मिस्ट्री

दिल्ली: राजधानी के पांडव नगर इलाके में अंजन दास की हत्या कर शव के टुकड़ों को फ्रिज में रखकर ठिकाने लगाने के मामले में पांच महीने में 500 सौ मोबाइल नंबर और 500 घरों के फ्रीज की जांच करते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंची। यह खुलासा मामले की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने किया। मां-बेटे ने 30 मई को हत्या को अंजाम दिया था, लेकिन फ्रिज में रखकर बारी-बारी से फेंके गए शव के टुकड़ों को बरामद करने का यह सिलसिला जून से शुरू हुआ था। टीम ने फोन नंबरों की तकनीकी जांच के साथ आसपास के घरों में रहने वाले लोगों के घरों में फ्रिज की डोर टू डोर जांच की। लोगों से पूछा कि उनके आसपास कहीं से कुछ सड़ने की बदबू तो नहीं आ रही है। 

दरअसल रामलीला मैदान से जो शव के टुकड़े मिले थे, उनसे मृतक की पहचान नहीं हो पा रही थी। टुकड़े बरामद होने के बाद सबसे पहले शक रामलीला मैदान के सामने रहने वाले ब्लॉक-20 के लोगों पर हुआ। इसके बाद पुलिस ने घर-घर जाकर लोगों से पूछताछ की। पूछा गया कि क्या आपके घर में फ्रिज है? क्या उनके पास कोई अतिरिक्त फ्रिज भी है? चूंकि इलाके में करीब 500 मकान हैं और ऐसे कई ब्लॉक भी हैं। इस कारण आरोपियों तक पहुंचना पुलिस को टेढ़ी खीर साबित हो रहा था।

अंजन पर चाकू और तेजाब से हो चुका था हमला अंजन के मित्र अरूण दास ने बताया कि पूनम काफी बिगड़ैल स्वभाव की है। दो तीन बार वह उसके घर आई थी। जब भी आती थी लड़ाई करती थी। अंजन ने उन्हें बताया था कि एक बार उसने तेजाब और चाकू से हमला कर दिया था।

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आरोपी दीपक की पत्नी और बहन से पूछताछ
आरोपी दीपक की पत्नी और बहन से पूछताछ कर पुलिस हत्या के बारे में और जानकारी जुटा रही है। दरअसल यह खुलासा हुआ है कि अंजन दास घर के पैसे और जेवर चुराकर अपनी पहली पत्नी के पास भेज देता था। इस बात से पूरा परिवार बेहद खफा था। पता लगाया जा रहा है कि दीपक की पत्नी और बहन की भूमिका इस हत्याकांड में क्या थी? क्या वे भी शामिल थी या नहीं?

डंप डाटा का विश्लेषण शुरू किया तो घटनास्थल से लेकर इलाके में कुल पांच सौ संदिग्ध नंबरों पर पुलिस की नजर आकर टिक गई। इन संदिग्ध नंबरों को रखने वालों से पूछताछ की गई और करीब 500 ऐसे नंबर रखने वालों की जांच के जरिये आखिरकार आरोपियों की पहचान करने में पुलिस को सफलता मिली। पुलिस ने जब मां-बेटे से पूछताछ की तो इन्होंने कोई भी जानकारी होने से इंकार किया, लेकिन जब सीसीटीवी फुटेज का हवाला दिया तो ये टूट गए और इन्होंने हत्या करने की बात स्वीकार की।

हथियार बरामद करने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया
जिस हथियार का इस्तेमाल किया गया है, अभी उसका पता नहीं चल सका है। पुलिस पूछताछ कर इलाके में सर्च ऑरेशन चला रही है। यह बताया जा रहा है कि मैदान में जब पिछले दिनों कार्यक्रम आयोजित किए गए थे तो उस वक्त मैदान की पूरी सफाई कर दी गई थी और पूरा कूड़ा गाजीपुर में फेंक दिया गया था।

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