कानपुर में रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए खतरा बने है 312 अवैध कब्जे, कैंट बोर्ड ने जारी किया नोटिस
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में भूमाफिया रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए चुनौती बने हुए हैं। कानपुर स्थित डिफेंस फैक्ट्रियों की चहारदीवारी से सटकर भूमाफियों ने अवैध कब्जा कर रखा है। ये एक दो नहीं बल्कि 312 में अवैध कब्जे हैं। इसका खुलासा ड्रोन की मदद से हुआ है। कैंट के मीरपुर तलउआ में 1.694 एकड़ की जमीन पर 611 अवैध कब्जे हो चुके हैं।
चिह्नांकन के बाद कैंट बोर्ट ने सभी को नोटिस जारी कर अंतिम चेतावनी दी है कि हर हाल में 25 नवंबर तक कब्जा छोड़ दें। ऐसा ना करने पर छावनी बोर्ड 10 दिसंबर से बुलडोजर से अवैध कब्जे को ध्वस्त करा देगी। सबसे अधिक पैराशूट फैक्ट्री की चहारदीवारी से सटे 211 अवैध कब्जे हैं। इसके बाद डिफेंस के लेखा विभाग की बाउंड्री से सटे 101 कब्जे हैं।
रक्षा संपदा अधिकारी के तबादले से रुक गया कब्जों के ढहाने का मामला
रक्षा संपदा अधिकारी (लखनऊ कमान) विकास कुमार का तबादला हो गया है। अभी तक वह इस अभियान का नेतृत्व कर रहे थे। उनके जाने से अवैध कब्जों को ढहाने का मामला थम गया। अफसरों का कहना है कि एक सप्ताह के अंदर पूरी स्थिति क्लीयर हो जाएगी कि विकास कुमार का तबादला रुकता है या फिर कोई नया अफसर आएगा।
अभी तक नहीं मिली राहत
अवैध कब्जे सुरक्षा में बाधक बने हैं। इस वजह से कई बार बोर्ड अफसरों से मोहलत मांगी गई लेकिन मामला सुरक्षा से जुड़ा है। इस कारण किसी भी कब्जेदार को कोई राहत नहीं मिली है। नोटिस जारी होने के बाद हड़कंप मचा है।
कैंटोनमेंट पीआरओ अमित यादव ने बताया कि कैंटोनमेंट की निष्प्रयोज्य जमीन पर मीरपुर तलउआ की तरह अवैध कब्जे न हो सकेंगे। बोर्ड ने मुख्यालय को पत्र भेजकर खाली पड़ी जमीनों की घेराबंदी के लिए 26 करोड़ रुपये मांगे हैं। जमीन खाली कराने के साथ ही सुरक्षित किया जाएगा।