प्रदेश की बिजली व्यवस्था के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन की तैयारी

  • योगी सरकार तैयार करा रही है उत्तर प्रदेश में नयी बिजली व्यवस्था का ब्लूप्रिंट
  • राजस्व बढ़ाने के साथ ही सिंचाई से लेकर उद्योग तक को भरपूर बिजली देने की होगी व्यवस्था
  • पांच हजार करोड़ से प्रदेश की बिजली व्यवस्था को 2024 तक सुदृढ़ करने के निर्देश
  • अगली गर्मी से पहले 24 घंटे बिजली व्यवस्था बनाने के लिए अभी से तैयारियां करने के निर्देश

लखनऊ। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में विद्युत व्यवस्था के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार की पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (रिवैंप), जिसमें प्रदेश सरकार की 60 फीसदी की हिस्सेदारी है, को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को मिशन मोड में काम करने के लिए कह दिया गया है। उपभोक्ताओं को निर्बाध व सुरक्षित बिजली आपूर्ति देने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी डिस्काम को जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर काम शुरू करने का निर्देश दिया है।

अगली गर्मी में मिलनी चाहिए निर्बाध बिजली
मुख्यमंत्री की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि काम में तेजी लाने और वर्तमान बिजली व्यवस्था के ढांचे में बदलाव का ब्लूप्रिंट शीघ्र तैयार कर लिया जाए। उत्तर प्रदेश में अभी तकरीबन 3 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। मुख्यमंत्री की ओर से कह दिया गया है कि हर हाल में अगली गर्मी से पहले प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए मजबूत स्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अभी से रणनीति बनाकर काम शुरू किया जाए, जिससे इस साल की गर्मियों जैसी स्थिति का सामना ना करना पड़े। इसके लिए नये सब स्टेशन बनाने, ट्रांसमिशन एवं वितरण की सुचारू व्यवस्था विकसित करने तथा नयी बिजली उत्पादन इकाइयों को सक्रिय करने पर युद्धस्तर पर काम किया जाए।

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पांच हजार करोड़ का बजट
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज के अनुसार रिवैंप योजना के तहत प्रदेश के कई जिलों में टेंडरिंग की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। इस योजना से प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में व्यापक बदलाव नजर आएगा। योजना को पूरी तरह से मूर्त रूप देने के लिए 2024-25 की डेडलाइन तय की गयी है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गयी है। सरकार की इस योजना को रिजल्ट ओरियेंटेड बताया गया है। इसमें एग्रीगेट टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस (एटी एंड सी) को 12-15 फीसद तक लाना भी शामिल है। इसके अलावा एवरेज कॉस्ट सप्लाई और एवरेज रेवेंन्यू रिलाइजेशन को भी जीरो करना है। कुल मिलाकर बिजली के नुकसान को न्यूनतम स्तर पर लाना है।

बनेंगे नए बिजली घर, पुराने वालों की क्षमता में होगा विस्तार
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से बिजली विभाग के आला अधिकारियों को जल्द से जल्द फाइनल डीपीआर बनाने और टेंडरिंग प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए कह दिया गया है। अबतक चली आ रही आइपीडीएस, सौभाग्य एवं दीनदयाल उपाध्याय योजना को भी रिवैंप में समाहित किया जाना है। इसके तहत 33-11 केवी के नये बिजलीघर बनाये जाने हैं। साथ ही पहले से निर्मित 33-11 केवी बिजली घरों की क्षमता में भी वृद्धि की जाएगी। इसके अलावा 33 केवी की ओवरलोडेड लाइन और उनमें से जिनपर एक से ज्यादा बिजलीघर जुड़े हैं, उन्हें अलग-अलग किया जाएगा। इसके लिए अलग से नयी लाइनें बनेंगी। इसी प्रकार ओवरलोडेड बिजलीघरों की क्षमता में वृद्धि करना और नये डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाया जाना शामिल है।

24 घंटे मिलेगी बिजली
योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी मजरों, गांवों, नगरों और महानगरों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य है। इसके अलावा फॉल्ट होने या ब्रेक डाउन की स्थिति में केवल एक लाइन को प्रभावित करना, लो वोल्टेज की समस्या से निजात पाना तथा सुरक्षित बिजली आपूर्ति के लिए आरमर्ड सर्विस केबिल को उपयोग में लाना शामिल है। वहीं त्रुटिरहित और समय से बिजली बिल, स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग की व्यवस्था भी इस योजना में शामिल है। साथ ही हर फीडर की निगरानी करने के लिए अलग स्विच लगाए जाएंगे।

भविष्य की जरूरतों का रखा जाएगा ध्यान
सरकार की ओर से प्रदेश में नये बने नगर निकायों में शहरों की भांति बिजली आपूर्ति देने के लिए मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत धनराशि प्रदान करने की बात कही गयी है। इसके लिए भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नये सिरे से पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अधिकारियों को कह दिया गया है।

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