अंकिता मर्डर: वो स्पेशल गेस्ट कौन था? SIT जांच से नाराज याचिकाकर्ताओं ने CBI जांच की मांग की

नैनीताल : अंकिता भंडारी हत्याकांड में सरकार ने जो रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की है. इसमें एसआईटी ने कहा है कि उन्हें फोरेंसिक जांच में कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है. साक्ष्य के नाम पर सिर्फ बैग और लॉकेट मिला है. इस पर याचिकाकर्ता ने सवाल उठाए  हैं कि आरोपियों के मोबाइल भी एसआईटी कब्जे में नहीं ले सकी है. वहीं, हाईकोर्ट ने अंकिता के मां-पिताजी की याचिका को सुनवाई के लिये स्वीकार कर लिया है.

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को आदेश दिया है कि अगर उनके पास कोई साक्ष्य हैं तो कोर्ट में दाखिल करें और सीबीआई जांच को लेकर दाखिल याचिका में अपना प्रति शपथ पत्र दाखिल करें. सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के वकीलों ने कई बड़े सवाल सरकार और एसआईटी की जांच पर उठाए हैं. इसके साथ ही सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में अंकिता हत्याकांड के बाद क्राउड फंडिंग पर कहा कि बैंक अकाउंट में पैसा एकत्र किया गया है.

देहरादून जू से चोरी हुआ किंग कोबरा पहुंच गया मध्य प्रदेश! समझिये पूरा मामला

इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा, तो याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बैंक अकाउंट में 49 हजार रुपये आए थे जिसके बाद 1000 रुपये याचिकाकर्ता ने देकर 50 हजार उसके पिताजी को सौंप दिया है. दरअसल, पौढ़ी के आशुतोष नेगी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि सरकार इसे पहले सिर्फ इसे एक आत्महत्या बताने की कोशिश में थी, लेकिन फिर मीडिया के आने के बाद मामले में बड़ा बदलाव देखने को मिला. याचिका में कहा गया है कि अंकिता पर किसी वीआईपी के साथ शारिरिक संबंध बनाने और स्पेशल सर्विस देनी का दबाव डाला जा रहा था वो स्पेशल गेस्ट कौन था? इसका पता नहीं चल सका है और क्राइम सीन को भी नष्ट किया गया है.

याचिका में लोकल एमएलए रेनू बिष्ट का जिक्र करते हुए कहा है कि उनकी मौजूदगी में क्राइम सीन नष्ट किया गया है. इसके अलावा याचिका में डीबीआर सीसीटीवी प्राप्त नहीं करना कुछ भी नहीं किया जा सका है, लिहाजा इस मामले में सीबीआई जांच की जाए. पिछले दिनों याचिका में सुनवाई करते हुए सरकार और एसआईटी से रिपोर्ट मांगी थी. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की जिसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सरकार ने कहा कि उनको फोरेंसिक जांच में कुछ नहीं मिला है और कोई भी फोरेंसिक साक्ष्य रिकवर करने में नाकाम रहे हैं.

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने कोर्ट के सामने आपत्ति दर्ज की जिसके बाद कोर्ट ने उनसे इस पर कहा कि अगर कोई जांच के तथ्य उनके पास हैं तो वो 18 नवंबर तक दाखिल करें. वहीं, इस केस में वकील डीएस मेहता ने कहा कि वाट्सएप चैट और अन्य का साक्ष्य नहीं दाखिल की जो पब्लिक में साक्ष्य हैं उनको भी लाने में एसआईटी नाकाम रही है.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker