तमिलनाडु सरकार का ऐलान, हर साल मनाई जाएगी राज राजा चोल जयंती, जानें क्यों हुआ था विवाद

चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने ऐलान किया है कि हर साल 3 नवंबर को राजराजा चोल का जन्मदिन मनाया जाएगा। इसका आयोजन सरकार किया करेगी। राज राजा चोल वंश के एक प्रसिद्ध सम्राट थे। हाल ही में आई फिल्म पोन्नियिन सेलवन में राज राजा चोल की कहानी दिखाई गई थी। फिल्म का निर्देशन मणिरत्नम ने किया। इसमें ऐश्वर्या राज, तृषा और विक्रम ने काम किया है। इस फिल्म ने बॉक्सऑफिस पर भी झंडे गाड़ दिए। हिंदी वर्जन के अलावा तमिल, तेलुगु और मलयालम में भी इसे खूब पसंद किया गया। 

कुछ ही सप्ताह में फिल्म ने 450 करोड़ से ज्यादा कमाई कर ली। हालांकि राज राजा चोल विवाद का भी विषय़ बन गए। फिल्म डायरेक्टर वेटरीमारन ने एक कार्यक्रम में कहा, लागातार हमारे प्रतीक छीने जा रहे हैं। वल्लुवर का भगवाकरण हो या फिर राज राज चोल को हिंदू राजा के रूप में दिखाया जाना। इसके बाद भाजपा नेता एच राजा ने दावा किया कि राज राजा चोल एक हिंदू राजा ही थे। उन्होंने कहा, मुझे वेत्रिमारन की तरह इतिहास नहीं पता है लेकिन वे किसी मस्जिद या चर्च का नाम बता दें जिसे चोल ने बनवाया हो। वह खुद को शिवपद शेखरन कहते थे। फिर भी क्या वह हिंदू नहीं थे?

दिल्ली एनसीआर पर छाई प्रदूषण की परत, नोएडा में ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स

वहीं कमल हासन ने  डायरेक्टर का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि राज राजा चोल के जमाने में हिंदू नाम का शब्द ही नहीं था। उस समय वैणवम, शिवम और समानम थे। अंग्रेजों ने हिंदू शब्द का इस्तेमाल शुरू किया क्योंकि वे नहीं जानते थे कि इन तीनों को मिलाकर क्या कहा जाए। यह उसी तरह है जैसे कि तुतुकुड़ को बदलकर तुतीकोरिन कर दिया गया। 

बता दें कि चोल वंश का इतिहास एक हजार से ज्यादा साल पुराना है। उनके साम्राज्य की राजधानी तिरुचिरापल्ली थी। इस वंश के राजाओं ने कई बड़े मंदिर बनवाए। 849 ई. में सरदार विजयालय ने मुट्टियारों को हराया था और चोल वंश की स्थापना की थी। इस वंश ने काफी राज्य विस्तार किया। वहीं स्थापत्य कला और समुद्री ताकत के लिए भी चोल वंश को जाना जाता है। वृहदेश्वर मंदिर, राजराजेश्वर मंदिर भी चोल राजाओं ने ही बनवाया था। 

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker