नाग ने डंसा तो बच्चे को आया गुस्सा, पलटकर काटा तो सांप मर गया, जानें क्यों हुआ ऐसा

जशपुर : विशेष संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा जनजाति के एक बालक ने गुस्से में आकर सर्पदंश करने वाले खतरनाक नाग सांप को अपने दांतों से काट लिया. इसके बाद माता-पिता ने जागरूकता का परिचय देते हुए उसका इलाज कराया और अब वह पूर्णतः स्वस्थ है. मामला जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड के पंडरापाठ का है. हलांकि यह कैसे संभव हुआ कि बच्चे ने सांप को काटा तो वह सांप मर गया, लेकिन बच्चा बच गया? इसकी जानकारी सांप से जुड़े जानकारों ने दी. मगर इससे पहले पूरा मामला जानते हैं.

बताया जा रहा है कि हाड़ी कोरवा परिवार का एक बालक दीपक राम अपनी दीदी के यहां खेलने गया हुआ था. खेलने के दौरान नाग सांप ने उसे डंस लिया. जब बालक ने देखा कि सांप ने उसे काट लिया है तो उसे गुस्सा आ गया और उसने सांप के मुंह को अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया. इस दौरान सांप बालक के हाथों में लिपट गया. जब बालक को दर्द होने लगा तो उसने खतरनाक नाग सांप को अपने दांतों से कई बार काट कर लहूलुहान कर दिया और इसके बाद सांप भी मर गया.

मिली जानकारी के अनुसार, जब इस घटना का पता परिजनों को लगा तो उसका इलाज कराया गया और वह फिलहाल स्वस्थ है. घटना के दूसरे दिन तक बालक के परिजनों ने मरे हुए सांप को सुरक्षित रखा था. फिर परिजनों ने सांप को जमीन में दफना दिया.

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बता दें कि अधिकतर मामलों में यह देखने में आता है कि ग्रामीण सर्पदंश के बाद झाड़फूंक का सहारा लेते हैं. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में यह अंधविश्वास फैला हुआ है कि यदि आपको कोई सांप काट ले तो उस सांप को आप काट लीजिए और सांप को अपने पास रख लीजिए. ऐसा इसलिए कि यदि सांप का विष आपके शरीर मे फैलता है तो उस सांप से ही आपका इलाज किया जा सकता है.

हांलाकि, उक्त मामले पर जब हमने जशपुर में सांपों को लेकर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था जीएनडब्ल्यूएस के सर्प विशेषज्ञ कैसर हुसैन और राहुल तिवारी से बात की तो कुछ और बात ही पता चली. दरअसल, नाग सर्प की ऐसी प्रजाति है जो अपना विष सुरक्षित रखकर चलता है. उसे जब आभास हो कि उसके ऊपर संकट है तभी वह अपना विष निकालता है.

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