रामायणकालीन 15 द्वार बढ़ाएंगें दीपोत्सव की आभा,वर्तमान पीढ़ी के ज्ञान की भी होगी वॄद्धि

कलियुग में त्रेतायुग के धरोहरों से साक्षात्कार कराएंगे स्वागत द्वार.

  • दीपोत्सव में राम परिवार और रामायणकालीन निषादराज व अहिल्या के नाम पर बनेंगे द्वार

अयोध्या। योगी सरकार के छठवें में दिव्य दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की कवायद जोरों पर चल रही है। राम परिवार, निषादराज व अहिल्या आदि के नाम पर द्वार बनाये जाएंगे, जो कलियुग में त्रेतायुग के धरोहरों से साक्षात्कार कराएंगे। इसका उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी के ज्ञान की वृद्धि करना भी है। रामायणकालीन 15 द्वार दीपोत्सव की आभा को चार-चांद लगाएंगे। द्वार निर्माण का काम भी लगभग पूर्ण हो चुका है ।दीपोत्सव में रामायण कालीन द्वार से अयोध्या को सजाने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है। सभी 15 द्वार लाइट युक्त होंगे। इसके लिए पर्यटन विभाग की विशेष टीम ने सनबोर्ड तैयार किया है। इसमें लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। जब यह जलेंगे तो रामायण के प्रसंग इन बोर्डों पर इस तरह भव्यता बढ़ाएंगे कि मानों त्रेतायुग जीवंत हो रहा हो।

दीपोत्सव के बीच भी कई विभागी योजनाओं को लगेंगे पंख; विकास, विकास और सिर्फ विकास ही योगी सरकार का मूलमंत्र

पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने बताया कि योगी सरकार अयोध्या की अलग पहचान बनाने का काम कर रही है। योगी सरकार के निर्देश पर भगवान राम के रामायण कालीन द्वार भी बनाए जा रहे हैं, जिससे लोग अयोध्या में प्रवेश करें तो उन्हें त्रेतायुग वाली दीपावली का अहसास हो।

●दीपोत्सव 2022 में स्वागतद्वार
●निषादराज द्वार
●अहिल्या द्वार
●राम द्वार
●दशरथ द्वार
●लक्ष्मण द्वार
●सीताद्वार
●रामसेतु द्वार
●शबरी द्वार
●हनुमान द्वार
●भरत द्वार
●लव कुश द्वार
●सुग्रीव द्वार

  • जटायु द्वार
    तुलसी द्वार

इस प्रकार से कुल 15 द्वार बनाए गए हैं और 10 स्वागत द्वार बनाए गए हैं।

राम पैड़ी पर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान की प्रतिमा के पास सेल्फी प्वाइंट बनाया जा रहा है। जब लंका से भगवान श्री राम अयोध्या वापस आए थे, ठीक उसी प्रकार पुष्पक विमान का ग्राफिक्स भी बनाया जा रहा है।

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