एक ऐसा समाज जो बेटियों की शादी में वर पक्ष को देता है 21 सांप

कोरबा : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के सोहागपुर गांव को सर्पलोक कहा जाता है. यहां रहनेवाले सवरा समाज में एक अनोखी परंपरा कायम है. परिवार में बेटी की शादी में दहेज के रूप में 21 सांप देने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे ससुराल में संपन्नता आती है.

सवरा समाज जंगल की खाक छान कर जहरीले सांपों को पकड़ कर लाते हैं. जहर निकाल कर अपने पिटारे में बंद घर घर सांपों के दर्शन करा कर दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर लेते हैं. ऐसे भी कोरबा जिले में सांपों की संख्या पहले से बढ़ी है.

वन्य जीव संरक्षण कानून और वन विभाग की सख्ती से सांप दिखाकर अपना और परिवार का पेट चलाने वाले सवरा जाति के लोग परेशान हैं. कई बार वन विभाग द्वारा कार्रवाई कर सांप को आजाद कराया जा रहा है. ऐसे में 21 सांप शादी में देने की परंपरा कम हो कर 11 सांप की हो गई है.

आए दिन किसी न किसी घर में सांप मिलने की खबरें आती रहती हैं. कई बार सर्प दंश से समय पर इलाज नहीं कराने झाड़ फूक के चक्कर में लोगों की जान भी जा रही है. ऐसे में इस सवरा समाज के लोगों की सेवा भी ली जाती है. ये कई बार सांपों को पकड़कर अपना रोजी-रोटी चलाते हैं. मगर सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाने से गुरबत का जीवन जीने को मजबूर रहते हैं.

गांव के सुनील ने बताया कि सरकारी मदद के रूप में राशन कार्ड बना है और राशन भी मिलता है. लेकिन, लोगों के पास कोई जमीन-जायजाद नहीं होने से समाज के किसी भी सदस्य का आज जाति प्रमाण पत्र नहीं बन सका. खुद भी पढ़ाई किया है, लेकिन जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

सोहागपुर गांव सर्पलोक तो जरूर है, लेकिन वन विभाग की सख्ती और जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से सवरा समाज के लोगों को सरकारी लाभों से वंचित होना पड़ रहा है. ऐसे में जरूरत है सरकार इनकी सुध लेकर सवरों की समस्या का समाधान कर इनकी जिंदगी को सवार दें.

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