अब रूस से सस्ता तेल खरीदेगा अफगानिस्तान, तालिबान और पुतिन के बीच हुई डील

काबुल : भारत के बाद अब अफगानिस्तान भी रूस से सस्ता तेल खरीदेगा। तालिबान के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को ये जानकारी दी। तालिबान ने रूसी गेहूं, गैस और तेल खरीदने व आयात करने के लिए एक समझौता किया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि गैसोलीन, डीजल, गैस और गेहूं सहित कई उत्पादों को रूसी मुद्रा में “विशेष छूट” पर खरीदा जाएगा। हालांकि रूस भले ही डिस्काउंट पर तालिबान के साथ डील करने पर सहमत हो गया हो लेकिन तालिबान के अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी नहीं दी है कि वह रूस को भुगतान कैसे करेगा। 

न ही तालिबान ने यह बताया है कि तेल या अन्य वस्तुओं की कीमत किस आधार पर तय की जाएगी। यह डील ऐसे समय में हुई है जब रूस यूक्रेन पर आक्रमण के बाद लगाए गए प्रतिबंधों से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के बाद मास्को को अपने निर्यात को यूरोप से एशिया में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस बीच, तालिबान के लिए पिछले साल अगस्त में सत्ता में आने के बाद से आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 

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यह सौदा इस साल की शुरुआत में उच्च स्तरीय तालिबान प्रतिनिधिमंडल के रूस दौरे के बाद हुआ है। मॉस्को के अलावा, क्षेत्रीय देशों की कई कंपनियों ने अफगानिस्तान में निष्कर्षण उद्योग क्षेत्र में निवेश करने में रुचि दिखाई है। तालिबान ने क्षेत्रीय देशों के साथ राजनयिक और आर्थिक जुड़ाव जारी रखा है। हलांकि इन देशों के अधिकारियों साफ कहा है कि उन्होंने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। 

तालिबान नेतृत्व ने लगातार कहा है कि वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ व्यापार सौदों की तलाश कर रहे हैं। रूस के साथ डील फाइनल करने के बाद तालिबान को काफी मदद मिलेगी। मंगलवार को जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर आर्थिक संकुचन और तालिबान के अधिग्रहण के बाद बैंकिंग और वित्तीय संकट से अफगान अर्थव्यवस्था बहुत कमजोर बनी हुई है।

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