गुलशन कुमार के निधन के बाद कैसी थी उनके परिवार की जिंदगी? बेटी खुशाली ने बताया

खुशाली कुमार (Khushalii Kumar) की बॉलीवुड की पहली फिल्म ‘धोखा: राउंड डी कॉर्नर’ 23 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. खुशाली को फिल्म में आर माधवन के साथ देखा गया, जहां उन्होंने उनकी पत्नी सांची सिन्हा की भूमिका निभाई है, जिसे एक आतंकवादी (अपारशक्ति खुराना) ने बंधक बना लिया है. खुशाली ने हाल में खुलासा किया कि उन्होंने कैसे मां सुदेश कुमारी को मनाया, ताकि उन्हें फिल्मों में काम करने की अनुमति मिल जाए.

खुशाली कुमार टी-सीरीज के मालिक दिवंगत गुलशन कुमार की बेटी हैं. गुलशन कुमार की अगस्त 1997 में मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. खुशाली ने बातचीत के दौरान अपनी पहली फिल्म ‘धोखा: राउंड डी कॉर्नर’, अपने पिता के निधन और जिंदगी की मुश्किलों के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि गुलशन कुमार के निधन के बाद उनके भाई भूषण कुमार ने टी-सीरीज को संभाला, जबकि वे एक फैशन डिजाइनर बन गईं.

पिता के निधन के बाद दिल्ली आ गई थीं खुशाली कुमार
खुशाली की बहन तुलसी कुमार एक गायिका हैं. बॉलीवुड के सबसे खास परिवारों में से एक होने के बावजूद, खुशाली ने बताया कि कैसे एक एक्ट्रेस बनने की उनकी जर्नी आसान नहीं थी. खुशाली ने बताया, ‘उनके पिता गुलशन कुमार की मृत्यु के बाद स्थिति ऐसी थी, जिससे मां बहुत डर गई थीं. वे मुझे और मेरी बहन को दिल्ली ले गईं. भाई भूषण कुमार कंपनी की देखरेख कर रहे थे.’

खुशाली कुमार ने मां को बड़ी मुश्किल से मनाया
वे आगे बताती हैं, ‘उस समय, टी-सीरीज के लिए 5000 से अधिक लोग काम कर रहे थे. मां हममें से किसी को भी कैमरे के सामने नहीं लाना चाहती थीं. दरअसल, भाई पिछले छह-सात सालों से लोगों के बीच मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. वे उससे पहले बाहर नहीं जाते थे. मम्मा ने हमसे कहा था, ‘कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम क्या करते हो, कैमरे के पीछे करो’. इसलिए, उन्हें मनाना पूरी एक प्रक्रिया थी.’ खुशाली ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने अपनी मां को फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने और मुंबई की यात्रा के लिए मना लिया.

उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि मैं 3 इडियट्स के सीन दिखा रही थी, जहां मैडी (आर माधवन) सर अपने पिता को अपने जुनून को पूरा करने की अनुमति देने के लिए मनाते हैं. मैं एक फैशन डिजाइनर थी और मेरे काम की सराहना हो रही थी. मैं अपने सारे विचार अपने काम में लगाती थी. मैं काम पर जाती, घर वापस आती और मम्मा के सामने रोती थी. मैंने उन्हें वह लेख भी दिखाया, जिसमें पापा थे और उन्होंने बार-बार बताया था कि अभिनय भी उनका सपना था. आखिर में, उन्होंने हार मान ली.’ खुशाली को पहली बार साल 2015 में स्क्रीन पर देखा गया था, जब वे ‘मैनु इश्क दा लगया रोग’ नाम के एक म्यूजिक वीडियो में दिखाई दी थीं. वे ‘पहले प्यार का पहला गम’, ‘मेरे पापा’ और ‘एक याद पुरानी’ जैसे म्यूजिक वीडियो का भी हिस्सा रही हैं.

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