डॉक्टरों का कमाल : 16 साल की लड़की के दिल में थे 3 छेद, बिना चीर फाड़ एक साथ डाले 2 डिवाइस

जबलपुरजबलपुर में डॉक्टरों ने ऐसा चमत्कार किया कि 16 साल की एक बच्ची को नयी जिंदगी मिल गयी. लड़की को मैसिव हार्ट अटैक आया था और उसके दिल में 3 छेद हो गए थे. काम बहुत मुश्किल था. ऑपरेशन करना एक चुनौती थी. लेकिन डॉक्टरों ने इस चुनौती को कबूल किया. ऑपरेशन किया और अब लड़की नयी जिंदगी जी रही है.

आधुनिकता के इस युग में चिकित्सा क्षेत्र भी हर दिन नए-नए कीर्तिमान रच रहा है. डॉक्टर इस धरती पर भगवान हैं. जबलपुर में फिर इस बात को डॉक्टरों ने सच साबित कर दिया. 16 वर्ष की एक लड़की को आए मैसिव हाईअटैक के एक मामले में शहर के चिकित्सकों ने ऐसा कमाल कर दिखाया है जिसकी पूरे देश में प्रशंसा हो रही है.

बिना ओपन हार्ट सर्जरी के कमाल
जिस लड़की का सफल ऑपरेशन किया गया वो छत से गिर पड़ी थी. उसे दिल का दौरा पड़ा और हृदय की धमनी फट गई. उसके दिल में 3 छेद याने सुराख हो गए थे. हृदय में छेद होने की वजह से लड़की की जान पर खतरा था. उसे सांस लेना मुश्किल होने लगा था. इसलिए इन होल को बंद करना आवश्यक था. हार्ट अटैक से होने वाले हृदय के छिद्रों को सामान्य तौर पर ओपन हार्ट सर्जरी के जरिए बंद किया जाता है. लेकिन इस बच्ची के दिल के पिछले हिस्से में छेद थे. उस जगह ऑपरेशन करना बहुत मुश्किल होता है. ओपन हार्ट सर्जरी से छेद बंद करने में काफी खतरा हो सकता था.

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लड़की को निजी और सरकारी सभी अस्पतालों में दिखाया गया. लेकिन कोई भी डॉक्टर उसका इलाज नहीं कर सका. उसके बाद शहर के मेट्रो हार्ट हॉस्पिटल की टीम ने बच्ची के इलाज का फैसला किया. डॉक्टरों की इस टीम में पीडियाट्रिक इंटरवेंशनल कार्डिलॉजिस्ट डॉक्टर एल उमामहेश्वर, कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुधीप चौधरी और  एनएसथीसियोलॉजिस्ट डॉ सुनील जैन शामिल थे. इन लोगों ने दिल के छेदों को बिना टांके चीरे के छतरी नुमा डिवाइस को पैरो के रास्ते से हार्ट तक पहुंचाकर बंद करने का फैसला किया.क्योंकि 3 छेद थे इसलिए तीनों छिद्रों को दो छतरी लगाकर बिना चीर फाड़ के बंद कर दिया गया.

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