LPG के दाम काबू में रखने को सरकार खर्च सकती है 30 हजार करोड़ रुपये

दिल्‍ली: रसोई गैस सिलेंडर (LPG) की कीमतों को काबू रखने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा सकती है. सूत्रों के अनुसार, सरकार इसके लिए अतिरिक्‍त सब्सिडी जारी कर सकती है. तेल कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि 25000-30,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है. अनुमानित राशि वित्‍तवर्ष 2022-23 के बजट अनुमान में आवंटित 58,012 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी से अतिरिक्‍त होगी.

सरकार अतिरिक्‍त सब्सिडी देने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है. अतिरिक्त सब्सिडी केंद्र की उज्ज्वला स्कीम के लिए पहले से बजट में आवंटित सब्सिडी से अलग होगी. सरकारी तेल कंपनियों ने हाल ही में 19.2 किलोग्राम के कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत प्रति सिलेंडर 91.50 रुपये घटाई थी. कीमत में कटौती के बाद दिल्ली में कमर्शियल सिलेंडर का रेट 1,976 रुपये से घटकर 1,885 रुपये हो गया है.

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घरेलू सिलेंडर का लगातार बढ़ रहा रेट

14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. घरेलू सिलेंडर का रेट बढ़ने का असर आम आदमी की जेब पर बहुत ज्‍यादा हुआ है. पिछले एक साल में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 244 रुपये बढ़ चुकी है. अंतिम बार जुलाई में इसका रेट 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाया गया था. अभी नॉन-सब्सिडाइज्ड एलपीजी (उज्ज्वला को छोड़कर) के 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1,053 रुपये है. वहीं उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को यह 853 रुपये में मिल रहा है.

रेट बढ़ने का यह है कारण

एलपीजी के रेट बढ़ने में कुछ ग्‍लोबल फैक्‍टर्स का हाथ है. कोविड-19 की महामारी के बाद इकोनॉमी में रिकवरी और उसके बाद यूक्रेन पर रूस के हमलों की वजह से वैश्विक बाजार में तेल और गैस की कीमतों में भारी उछाल आया है. दिल्ली में एलपीजी की कीमत पिछले दो साल में 28 फीसदी बढ़ी है. वहीं, इसके मुकाबले गैस प्राइस के इंटरनेशनल बेंचमार्क सऊदी सीपी में इस अवधि में 300 फीसदी उछाल आया है.

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