मार्क जुकरबर्ग ने कबूला, फेसबुक ने 1 हफ्ते तक सेंसर की थी ‘हंटर बाइडन के लैपटॉप’ की खबर
न्यूयॉर्क. मार्क जुकरबर्ग ने कबूल किया है कि फेसबुक ने एल्गोरिथम से अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन के लैपटॉप की खबर को एक हफ्ते के लिए सेंसर कर दिया था. जुकरबर्ग ने इसे ‘द जो रोगन एक्सपीरियंस’ पॉडकास्ट पर कबूल किया. मार्क ने कहा कि उन्होंने चुनाव में गलत सूचना को प्रतिबंधित करने के लिए एफबीआई के एक सामान्य अनुरोध के कारण ऐसा किया. पॉडकास्ट के दौरान जो ने जुकरबर्ग से पूछा कि ‘फेसबुक विवादास्पद मुद्दों को कैसे संभालता है… जैसे हंटर बाइडन की खबर और क्या इसे सेंसर किया गया था?’
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक खबर के मुताबिक इसके जवाब में मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि इसके लिए उन्होंने ट्विटर से अलग रास्ता अपनाया. एफबीआई के लोग उनके पास आए और कहा कि आपको अलर्ट रहना चाहिए. हमने सोचा कि 2016 के चुनाव में बहुत सारा रूसी प्रोपेगेंडा था. मार्क ने खबर को पूरी तरह से रोक देने के लिए ट्विटर की कड़ी आलोचना करते हुए कबूल किया कि उन्होंने फेसबुक पर इस खबर को सेंसर कर दिया, जिससे इसकी लोगों तक पहुंच कम हो गई.
उन्होंने कहा कि हमारा प्रोटोकॉल ट्विटर से अलग है. ट्विटर ने कहा कि आप इसे बिल्कुल भी साझा नहीं कर सकते. हमने ऐसा नहीं किया. हमें अगर किसी संभावित गलत सूचना के बारे में बताया जाता है तो हम तीसरे पक्ष के तथ्यों की जांच करवाते हैं. क्योंकि हम यह तय नहीं करना चाहते कि क्या सही है और क्या गलत है? यह तय करने में पांच या सात दिन लगे थे. फेसबुक पर इसकी पहुंच कम हो गई थी लेकिन लोगों को इसे साझा करने की इजाजत थी.
मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि इससे रैंकिंग और न्यूजफीड थोड़ी कम हो गई थी, इसलिए कम लोगों ने इसे देखा होगा. यह एक राजनीतिक मुद्दा है. इसलिए अपने राजनीतिक झुकाव के आधार पर आपको लग सकता है कि हमने इसे पर्याप्त सेंसर नहीं किया या इसे बहुत अधिक सेंसर नहीं किया. फिर भी हम इसके बारे में ट्विटर की तरह काले और सफेद में फैसला नहीं कर रहे थे. गौरतलब है कि जब ये विवाद चल रहा था तो रिपब्लिकन ने फेसबुक पर उनकी आवाज को दबाने का आरोप लगाया था.