श्रीलंका में इमरजेंसी लागू , कोलंबो में सेना तैनात , भारत ने भेजा 40,000 टन डीजल
दिल्ली: श्रीलंका में गहराती आर्थिक समस्या के बीच राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को आपातकाल का ऐलान कर दिया। आदेश में कहा गया है कि देश की सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के रखरखाव के लिए ये फैसला लिया गया है। इसके बाद पूरे देश में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शनिवार को राजधानी कोलंबो में सेना की तैनाती के बीच दुकानें खोली गईं, ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें।
इधर, फ्यूल क्राइसिस से जूझते श्रीलंका की मदद के लिए भारत ने जो ऑयल टैंकर भेजा था, वह शनिवार को श्रीलंका पहुंच गया है। शाम तक इससे फ्यूल डिस्ट्रीब्यूशन शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद फ्यूल क्राइसिस से जूझते लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। दरअसल, भारत ने श्रीलंका को 1 बिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन दी है। इसी के तहत 40,000 टन डीजल ले जाने वाला एक जहाज श्रीलंका पहुंचा है।
इमरजेंसी के ऐलान के बाद सेना संदिग्धों को बिना किसी मुकदमे के गिरफ्तार कर सकती है और लंबे समय तक हिरासत में रख सकती है। राजपक्षे की सरकार को समर्थन दे रही 11 पार्टियों ने कैबिनेट भंग कर अंतरिम सरकार के गठन की मांग की है। इनका कहना है कि हालिया कैबिनेट बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है।
इससे पहले गुरुवार देर रात हजारों लोगों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के निवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन और पथराव किया। जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस हिंसक टकराव में कम से कम 5 पुलिसकर्मियों समेत 10 लोग घायल हुए। हिंसा के आरोप में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।