क्या सत्ता संघर्ष में हार रहे हैं लालू के बड़े बेटे?
तेज प्रताप यादव की राष्ट्रीय जनता दल और अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव से अनबन दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। नाराज तेज प्रताप ने गुरूवार को बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक राम से मुलाकात की।
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब राजद और कांग्रेस की राह अलग होने की अटकलें तेज हैं। कहा जा रहा है कि बिहार में महागठबंधन के भीतर परेशानी पैदा हो रही है क्योंकि राजद ने उपचुनाव के लिए दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
बिहार में 30 अक्तूबर को तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर उपचुनाव होना है। इससे पहले बीते शनिवार को तेज प्रताप ने दावा किया कि उनके पिता को वे लोग बंधक बना रहे हैं जो पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहते हैं।
तेज प्रताप ने कहा, ‘राजद में चार-पांच लोग हैं जो राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं और उन्हें दिल्ली में बंधक बनाकर रखा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अशोक राम ने दावा किया है कि तेज प्रताप कुशेश्वर स्थान निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे।
राजद के अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अब कांग्रेस ने अशोक राम के बेटे अतिरेक कुमार को इस सीट से मैदान में उतारा है। विशेष रूप से, कुशेश्वर स्थान निर्वाचन क्षेत्र हसनपुर के निकट स्थित है जहां से तेज प्रताप राजद विधायक हैं।
जहां राजद ने दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतार दिया है, वहीं कांग्रेस ने चेतावनी दी थी कि अगर राजद अपने उम्मीदवार को वापस नहीं लेती है, तो पार्टी भी चुनाव लड़ेगी।
राजद-कांग्रेस-लोजपा (रामविलास पासवान) और एनडीए के बीच चौतरफा मुकाबला सत्तारूढ़ गठबंधन को फायदा पहुंचा सकता है।
अशोक राम ने कहा कि अगर तेज प्रताप कांग्रेस के लिए प्रचार करते हैं, तो निश्चित रूप से इससे पार्टी को फायदा होगा।
राम के मुताबिक माना जाता है कि तेज प्रताप ने उनसे कहा था कि वह अपने समर्थकों के साथ वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर कांग्रेस के लिए प्रचार कर सकते हैं।