हाई कोर्ट ने योगी सरकार को 69000 शिक्षक भर्ती प्रकिया को आगे बढ़ाने की दी अनुमति
उत्तर प्रदेश परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में शुक्रवार को योगी सरकार को बड़ी राहत मिल गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार की तीन स्पेशल अपील पर आदेश सुनाते हुए एकल पीठ के 3 जून के आदेश को स्टे कर दिया।
यानी अब सरकार सुप्रीम कोर्ट के 9 जून के आदेश से करीब 37 हजार पदों पर लगी रोक के इतर शेष बचे पदों पर भर्ती प्रकिया आगे बढ़ाने को स्वतंत्र है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 3 जून को भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
दो सदस्यीय खंडपीठ ने 8 जून को मामले में 3 जून के अंतरिम आदेश पर रोक लगाए जाने के बिंदु पर सुनवाई पूरी करने के उपरांत अपना आदेश सुरक्षित करते हुए, अभ्यर्थियों के अधिवक्ताओं को लिखित बहस 24 घंटे में दाखिल करने का निर्देश दिया था। उक्त तीनों अपीलें राज्य सरकार की ओर से परीक्षा नियंत्रक प्राधिकरण ने दाखिल की हैं।
एकल पीठ ने 8 मई को जारी उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पाया था कि कई प्रश्न और उनके उत्तर भ्रमित करने वाले हैं और कई तो प्रथम दृष्टया स्पष्ट तौर पर गलत प्रतीत हो रहे हैं। लिहाजा एकल पीठ ने विवादित प्रश्नों को यूजीसी को भेज दिया था।
भर्ती पर एक नजर
– एक दिसंबर 2018 को जारी हुआ था शासनादेश।
– 5 दिसंबर 2018 को जारी हुआ भर्ती का विज्ञापन।
– 22 दिसंबर तक 431466 अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन।
– 6 जनवरी 2019 को भर्ती के लिए लिखित परीक्षा हुई।
– 7 जनवरी 2019 को सरकार ने 60/65 प्रतिशत कट ऑफ रखने की घोषणा की।
– 11 जनवरी 2019 को 60/65 कटऑफ को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी।
– 29 मार्च 2019 को हाईकोर्ट ने 40/45 कटऑफ रखने का आदेश दिया।
– सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश को मामले को डबल बेंच में चुनौती दी।
– 6 मई को हाईकोर्ट ने 60/65 फीसदी कटऑफ के पक्ष में फैसला सुनाया।
– 12 मई को 69000 लिखित परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ।
– 01 जून को जिला आवंटन सूची का प्रकाशन कराया गया।
– 3 जून को काउंसिलिंग के पहले दिन हाईकोर्ट ने रोक लगाई। – 8 जून को कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और पक्षकारों को अपनी लिखित बहस, आपत्तियां व जवाब दाखिल करने के लिए 9 जून तक का समय दिया था।