आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी हर जरूरत का ध्यान सरकार रखेगी: PM मोदी
कोरोना संकट के बीच देश में आर्थिक मोर्चे पर कई तरह की चुनौतियां हैं। केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की है।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर सरकार की सोच को सामने रखा, उन्होंने कहा कि देश अब लॉकडाउन को पीछे छोड़ चुका है. PM ने कहा कि आज से तीन महीने पहले देश में एक भी PPE किट नहीं बनती थी, लेकिन आज रोज तीन लाख किट बन रही हैं।
आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी हर जरूरत का ध्यान सरकार रखेगी. PM ने कहा कि CII हर सेक्टर को लेकर एक रिसर्च तैयार करे और प्लान मुझे दे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में कहा कि कोरोना वायरस के इस संकट में इस तरह के ऑनलाइन इवेंट शायद यही एक न्यू नॉर्मल है, लेकिन ये हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
आज भी हमें इस वायरस से लड़ना है, तो दूसरी ओर अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखना है. पीएम ने कहा कि हम अपनी अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार को बिल्कुल वापस पाएंगे।
कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि मुझे देश की क्षमता, टैलेंट और टेक्नोलॉजी पर भरोसा है, यही वजह है कि हमें विश्वास है कि हम एक बार फिर अर्थव्यवस्था को तेज़ रफ्तार देंगे।
कोरोना ने हमारी स्पीड भले ही धीमी की हो, लेकिन भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक फेज़ में घुस चुका है।
पीएम मोदी ने कारोबारियों को भरोसा दिया कि वह उनके साथ खड़े हैं और आप दो कदम आगे बढ़ाएंगे तो सरकार चार कदम आगे बढ़ाएगी।
रणनीतिक मामलों में किसी दूसरे पर निर्भर रहना ठीक नहीं है, आत्मनिर्भर भारत का मतलब रोजगार पैदा करना और विश्वास पैदा करना है. ताकि भारत की हिस्सेदारी ग्लोबल सप्लाई चेन में मजबूत हो सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दुनिया में कोरोना वायरस का कहर था, तब भारत ने बड़े फैसले लिए. वक्त पर लॉकडाउन लागू किया, इस दौरान अपनी सुविधाओं को बढ़ाया यही वजह है कि दुनिया के कई देश के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर है।
पीएम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है, इसके लिए सरकार कई तरह के फैसले ले रही है. सरकार ने इस स्थिति से निकलने के लिए त्वरित फैसलों के अलावा लंबे वक्त में फायदे करने वाले फैसले भी लिए हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 74 करोड़ लोगों के घर तक राशन पहुंचाया गया, प्रवासी श्रमिकों के लिए मुफ्त राशन दिया जा रहा है. अबतक गरीब परिवारों को 53 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में दी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने 8 करोड़ गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए, प्राइवेट सेक्टर के 50 लाख कर्मचारियों को 24 फीसदी EPFO सरकार ने दिया है।
देश के आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच विषयों पर ध्यान देना जरूरी है, इनमें Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation शामिल हैं।
किसानों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने ऐतिहासिक बदलाव किए हैं, अब किसान कहीं पर भी अपनी फसल बेच सकता है। किसान कहीं भी, कभी भी अपनी फसलों को अपनी शर्तों पर बेच सकते हैं.
पीएम ने कहा कि कोल सेक्टरों को कई तरह के बंधन से मुक्त किया गया है, माइनिंग के नियमों को बदला गया है जिससे लोगों को मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि MSME की परिभाषा बदलने की मांग को पूरा कर दिया गया है, इससे छोटे कारोबारियों को लाभ मिलेगा. आज के जो फैसले लिए गए हैं, उसे समझने के लिए दुनिया की स्थिति को समझना जरूरी है।
अब देशों को एक दूसरे की जरूरत पड़ने लगी है. कोरोना संकट के दौरान जब हर कोई खुद को संभाल रहा था, तब भारत ने 125 से अधिक देशों को मेडिकल मदद भेजी थी।
हाल ही में मोदी सरकार की ओर से 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया गया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का कारोबारियों के साथ होने वाला ये पहला बड़ा संवाद है।
बता दें कि बीते दिन ही मोदी कैबिनेट ने MSME सेक्टर की परिभाषा को बदला, इसके अलावा कारोबार को आसान बनाने, छोटे कारोबारियों को लोन देने, रोजगार बढ़ाने के लिए कई तरह के फैसले लिए।
इस बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के सालाना कार्यक्रम को संबोधित किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कारोबारियों को भरोसा दिया कि वो उनके साथ हैं, आप एक कदम आगे बढ़ाइए, सरकार चार कदम आगे बढ़ाएगी।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर सरकार की सोच को सामने रखा, उन्होंने कहा कि देश अब लॉकडाउन को पीछे छोड़ चुका है. PM ने कहा कि आज से तीन महीने पहले देश में एक भी PPE किट नहीं बनती थी, लेकिन आज रोज तीन लाख किट बन रही हैं।
आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी हर जरूरत का ध्यान सरकार रखेगी. PM ने कहा कि CII हर सेक्टर को लेकर एक रिसर्च तैयार करे और प्लान मुझे दे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में कहा कि कोरोना वायरस के इस संकट में इस तरह के ऑनलाइन इवेंट शायद यही एक न्यू नॉर्मल है, लेकिन ये हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
आज भी हमें इस वायरस से लड़ना है, तो दूसरी ओर अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखना है. पीएम ने कहा कि हम अपनी अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार को बिल्कुल वापस पाएंगे।
कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि मुझे देश की क्षमता, टैलेंट और टेक्नोलॉजी पर भरोसा है, यही वजह है कि हमें विश्वास है कि हम एक बार फिर अर्थव्यवस्था को तेज़ रफ्तार देंगे।
कोरोना ने हमारी स्पीड भले ही धीमी की हो, लेकिन भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक फेज़ में घुस चुका है।
पीएम मोदी ने कारोबारियों को भरोसा दिया कि वह उनके साथ खड़े हैं और आप दो कदम आगे बढ़ाएंगे तो सरकार चार कदम आगे बढ़ाएगी।
रणनीतिक मामलों में किसी दूसरे पर निर्भर रहना ठीक नहीं है, आत्मनिर्भर भारत का मतलब रोजगार पैदा करना और विश्वास पैदा करना है. ताकि भारत की हिस्सेदारी ग्लोबल सप्लाई चेन में मजबूत हो सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दुनिया में कोरोना वायरस का कहर था, तब भारत ने बड़े फैसले लिए. वक्त पर लॉकडाउन लागू किया, इस दौरान अपनी सुविधाओं को बढ़ाया यही वजह है कि दुनिया के कई देश के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर है।
पीएम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है, इसके लिए सरकार कई तरह के फैसले ले रही है. सरकार ने इस स्थिति से निकलने के लिए त्वरित फैसलों के अलावा लंबे वक्त में फायदे करने वाले फैसले भी लिए हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 74 करोड़ लोगों के घर तक राशन पहुंचाया गया, प्रवासी श्रमिकों के लिए मुफ्त राशन दिया जा रहा है. अबतक गरीब परिवारों को 53 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में दी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने 8 करोड़ गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए, प्राइवेट सेक्टर के 50 लाख कर्मचारियों को 24 फीसदी EPFO सरकार ने दिया है।
देश के आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच विषयों पर ध्यान देना जरूरी है, इनमें Intent, Inclusion, Investment, Infrastructure और Innovation शामिल हैं।
किसानों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने ऐतिहासिक बदलाव किए हैं, अब किसान कहीं पर भी अपनी फसल बेच सकता है. किसान कहीं भी, कभी भी अपनी फसलों को अपनी शर्तों पर बेच सकते हैं।
पीएम ने कहा कि कोल सेक्टरों को कई तरह के बंधन से मुक्त किया गया है, माइनिंग के नियमों को बदला गया है जिससे लोगों को मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि MSME की परिभाषा बदलने की मांग को पूरा कर दिया गया है, इससे छोटे कारोबारियों को लाभ मिलेगा. आज के जो फैसले लिए गए हैं, उसे समझने के लिए दुनिया की स्थिति को समझना जरूरी है।
अब देशों को एक दूसरे की जरूरत पड़ने लगी है. कोरोना संकट के दौरान जब हर कोई खुद को संभाल रहा था, तब भारत ने 125 से अधिक देशों को मेडिकल मदद भेजी थी।
हाल ही में मोदी सरकार की ओर से 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया गया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का कारोबारियों के साथ होने वाला ये पहला बड़ा संवाद है।
बता दें कि बीते दिन ही मोदी कैबिनेट ने MSME सेक्टर की परिभाषा को बदला, इसके अलावा कारोबार को आसान बनाने, छोटे कारोबारियों को लोन देने, रोजगार बढ़ाने के लिए कई तरह के फैसले लिए।