स्वीडन के वैज्ञानिकों ने खोला शरीर का एक बड़ा राज

क्या आपको लगता है कि आपकी शारीरिक ताकत और एनर्जी हमेशा एक जैसी बनी रहेगी या शायद आप सोचते हैं कि अभी तो आप जवान हैं, बुढ़ापा बहुत दूर है? अगर आपकी उम्र 35 साल के आसपास है, तो आपको थोड़ा सतर्क होने की जरूरत है।

स्वीडन के वैज्ञानिकों ने करीब 47 साल तक चले एक ऐतिहासिक अध्ययन के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस रिसर्च ने उस सटीक उम्र का पता लगा लिया है जब इंसान का शरीर अपनी क्षमता के ‘चरम’ पर होता है (Cellular Aging) और कब उसमें गिरावट आनी शुरू हो जाती है।

नतीजे थोड़े डराने वाले हो सकते हैं, लेकिन अच्छी खबर यह है कि इस गिरावट को रोकने की चाबी आपके ही हाथ में है (Longevity Secrets)। आइए जानते हैं, करोलिंस्का इंस्टीट्यूट की इस रिपोर्ट में आपकी फिटनेस को लेकर क्या बड़े दावे किए गए हैं।

35 की उम्र है सबसे अहम पड़ाव

करोलिंस्का इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए एक 47 साल लंबे अध्ययन से पता चला है कि इंसान की फिटनेस, ताकत और मांसपेशियों की सहनशक्ति 35 साल की उम्र में अपने पीक पर होती है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि 35 साल की उम्र के बाद, चाहे आप कितना भी व्यायाम क्यों न करते हों, शारीरिक क्षमता में गिरावट आनी शुरू हो जाती है। शुरुआत में यह गिरावट धीमी होती है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसमें तेजी आने लगती है।

कभी बेकार नहीं जाती एक्सरसाइज

अगर आप यह सोच रहे हैं कि 35 के बाद ताकत कम ही होनी है, तो एक्सरसाइज करने का क्या फायदा? तो रुकिये! रिसर्च में एक बहुत ही पॉजिटिव बात निकलकर सामने आई है।

स्टडी के मुताबिक, एक्सरसाइज हमेशा फायदेमंद होती है। जिन लोगों ने वयस्क होने के बाद फिजिकली एक्टिव रहना शुरू किया, उनकी शारीरिक क्षमता में 5 से 10 प्रतिशत का सुधार देखा गया। इसका मतलब यह है कि एक्सरसाइज शुरू करने के लिए कभी भी देर नहीं होती है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इस अध्ययन की लीड राइटर और ‘डिपार्टमेंट ऑफ लेबोरेटरी मेडिसिन’ की लेक्चरर, मारिया वेस्टरस्टाहल का कहना है:

“फिजिकल एक्टिविटी शुरू करने के लिए कभी भी बहुत देर नहीं होती। हमारी स्टडी दिखाती है कि शारीरिक गतिविधि प्रदर्शन में गिरावट को पूरी तरह रोक तो नहीं सकती, लेकिन इसे धीमा जरूर कर सकती है।

अब वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर 35 साल की उम्र में ही हम अपने पीक पर क्यों पहुंचते हैं और एक्सरसाइज गिरावट को पूरी तरह रोकने के बजाय केवल धीमा क्यों करती है।

क्यों खास है यह रिसर्च?
यह जानकारी ‘स्वीडिश फिजिकल एक्टिविटी एंड फिटनेस स्टडी’ (SPAF) से मिली है। यह दुनिया के उन चुनिंदा अध्ययनों में से एक है जिसने लगभग 50 वर्षों तक एक ही समूह के लोगों पर नजर रखी।

इस रिसर्च में 16 से 63 वर्ष की आयु के सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं को रैंडम तरीके से चुना गया था।

इससे पहले, वैज्ञानिक केवल ‘क्रॉस-सेक्शनल’ स्टडी करते थे, लेकिन SPAF ने दशकों तक उन्हीं लोगों की फिटनेस और ताकत को बार-बार मापा। बता दें, यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ कैशेक्सिया, सरकोपेनिया और मसल’ में प्रकाशित हुआ है।

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