अनिल अंबानी पर फिर आई आफत, ED ने इस मामले में अटैच की 1400 करोड़ की नई संपत्तियां

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्ति अटैच की है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई है। ईडी ने पहले भी 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी। इस मामले में अब तक कुल 9,000 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार अनिल अंबानी (Anil Ambani) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। ऑफिशियल सूत्रों ने बताया कि एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 1,400 करोड़ रुपये से ज्यादा के नए एसेट्स अटैच (ED attaches new assets worth Rs 1400 crore) किए हैं। एजेंसी ने पहले भी इसी जांच के तहत 7500 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी, जो अंबानी की अगुवाई वाली ग्रुप कंपनियों से जुड़ी कथित फाइनेंशियल गड़बड़ियों पर फोकस है।

जांच अभी भी जारी है, और उम्मीद है कि ED एसेट्स के नेचर और जांच के दायरे में आए ट्रांजैक्शन से उनके लिंक के बारे में और डिटेल्स जारी करेगा। सूत्रों ने बताया कि देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद एसेट्स के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत लेटेस्ट प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया गया है।

अब तक इतने ED ने इतनी संपत्ति अटैच की

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार फेडरल जांच एजेंसी ने पहले इस मामले में 7,500 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की थी। रिलायंस ग्रुप के जवाब का इंतजार है। सूत्रों ने बताया कि लेटेस्ट ऑर्डर के तहत 1,400 करोड़ रुपये से ज्यादा के नए एसेट्स अटैच किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि इससे इस मामले में कुल अटैचमेंट लगभग 9,000 करोड़ रुपये हो गया है।

ED के सामने पेश नहीं हुए अनिल अंबानी

इससे पहले रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के उल्लंघन के मामले में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के सामने दूसरी बार भी पेश नहीं हुए थे। इसके बाद एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

एजेंसी ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के उल्लंघन के लिए पिछले हफ्ते शुक्रवार को समन जारी किया था, जिसके बाद अंबानी ने एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) से “वर्चुअल तरीके” से अपना बयान दर्ज करने की रिक्वेस्ट की थी। ED ने अंबानी का ऑफर ठुकरा दिया था और उन्हें सोमवार के लिए नया समन जारी किया था। यह जांच राजस्थान में जयपुर और रींगस को जोड़ने वाले 556 करोड़ रुपये के रोड प्रोजेक्ट से जुड़े फंड के गलत इस्तेमाल से जुड़ी है।

समन वाले मामले को लेकर कंपनी ने एक बयान में कहा, “अनिल अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक लगभग पंद्रह साल तक कंपनी में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर पर काम किया और वे कभी भी कंपनी के रोजाना के मैनेजमेंट में शामिल नहीं रहे।”

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