अमेरिका: मिसाइल बनाने में ईरान को मदद देने का आरोप

अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और यूएवी कार्यक्रम से जुड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की। भारत, चीन, UAE, तुर्की और अन्य देशों की 32 कंपनियों और व्यक्तियों को प्रतिबंधित किया गया। भारत की फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड पर यूएई फर्म के साथ सोडियम क्लोरेट जैसी सामग्रियों की आपूर्ति में मदद करने का आरोप है।

अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भारत सहित सात देशों की 32 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन देशों में चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्किये, ईरान और अन्य शामिल हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ये संस्थान और व्यक्ति ईरान के मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) निर्माण में सहयोग करने वाले कई अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति नेटवर्क का हिस्सा हैं।

यह कदम ईरान की ओर से अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं के गंभीर उल्लंघन के जवाब में संयुक्त राष्ट्र के पुनः लगाए गए प्रतिबंधों को समर्थन देने के तहत उठाया गया है। प्रतिबंधित संस्थानों में भारत की फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है, जिस पर आरोप है कि उसने यूएई स्थित एक फर्म के साथ मिलकर सोडियम क्लोरेट और सोडियम परक्लोरेट जैसी सामग्रियों की आपूर्ति में मदद की।

अमेरिकी उप वित्त मंत्री ने क्या बोला?

अमेरिकी उप वित्त मंत्री जॉन के हर्ले ने कहा कि ईरान वैश्विक वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग कर हथियार निर्माण के लिए जरूरी सामग्री और धन जुटा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर हम ईरान पर अधिकतम दबाव बना रहे हैं ताकि उसका परमाणु खतरा समाप्त किया जा सके।

इसके साथ ही मामले में अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि वह तीसरे देशों में स्थित ऐसी संस्थाओं पर भी कार्रवाई जारी रखेगा, जो ईरान के मिसाइल या ड्रोन कार्यक्रमों को किसी भी रूप में सहयोग दे रही हैं। विभाग ने कहा कि यह कदम क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

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