आज अगहन मंगलवार पर बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग

आज यानी 11 नवंबर को मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है और इस तिथि पर मंगलवार पड़ रहा है। आज के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा की जा रही है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए व्रत रखा जा रहा है। मार्गशीर्ष माह की सप्तमी तिथि पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग के बारे में।

तिथि: कृष्ण सप्तमी
मास पूर्णिमांत: मार्गशीर्ष
दिन: मंगलवार
संवत्: 2082
तिथि: सप्तमी रात्रि 11:08 बजे तक
योग: शुभ प्रातः 09:44 बजे तक
करण: विष्टि प्रातः 11:32 बजे तक
करण: बव रात्रि 11:08 बजे तक

सूर्य और चन्द्रमा की स्थिति
सूर्योदय का समय: प्रातः 06:41 बजे
सूर्यास्त का समय: सायं 05:29 बजे
चंद्रोदय का समय: रात्रि 11:20 बजे
चंद्रास्त का समय: दोपहर 12:32 बजे

सूर्य और चन्द्रमा की राशियां
सूर्य की राशि: तुला
चन्द्रमा की राशि: कर्क

आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:43 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक
अमृत काल: दोपहर 12:01 बजे से दोपहर 01:35 बजे तक

आज के अशुभ समय
राहुकाल: प्रातः 08:01 बजे से प्रातः 09:22 बजे तक
गुलिकाल: दोपहर 01:26 बजे से दोपहर 02:47 बजे तक
यमगण्ड: प्रातः 10:44 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक

आज का नक्षत्र
चंद्रदेव आज पुष्य नक्षत्र में रहेंगे।
पुष्य नक्षत्र: सायं 06:17 बजे तक

सामान्य विशेषताएं: सहायक, संवेदनशील, आत्मनिर्भर, धैर्यशील, परिश्रमी, शांतचित्त, बुद्धिमान, कर्तव्यनिष्ठ, नियमपालक, धर्मपरायण, उदार और परोपकारी।
नक्षत्र स्वामी: शनि देव
राशि स्वामी: चंद्र देव
देवता: बृहस्पति देव
प्रतीक: कमल या गाय का थन

मंगलवार मंत्र

  1. ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,
    लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
    श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
    रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
  2. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
    दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
    सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
    रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
    ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
  3. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
    प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
  4. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय
    रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति
    भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।
  5. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
    सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

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