छत्तीसगढ़ में इस तारीख से होगी धान खरीदी, साय कैबिनेट के अहम फैसले

छत्तीसगढ़ में 25 लाख से अधिक किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी होगी। 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू होगी। इसके लिये धान के व्यपवर्तन एवं पुर्नचक्रण को रोकने के लिये चाक-चौबंद व्यवस्था और धान खरीदी के लिये मजबूत प्रशासनिक ढांचा तैयार किया जायेगा। पूरी पारदर्शिता के साथ किसानों को समय पर (6 से 7 दिन के भीतर) रुपये का भुगतान किया जायेगा। ये फैसला सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज दस अक्तूबर को मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
यहां जानें साय कैबिनेट के अहम फैसले-
टोकन तुंहर हाथ मोबाइल एप के माध्यम से होगी ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था। किसानों का मिलेगी सोसायटियों में लंबी कतारों से मुक्ति
राज्य शासन ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में छत्तीसगढ प्रदेश के किसानों से 15 नवम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक धान खरीदी करने का निर्णय लिया है। उक्त अवधि में 25 लाख किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तक धान की खरीदी की जावेगी।
धान खरीदी में पारदर्शिता को बढ़ावा देने इस वर्ष ई-केवाईसी के माध्यम से, भारत सरकार कृषि मंत्रालय के एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन को अनिवार्य किया गया है, जिससे किसान की सहीं पहचान हो एवं डुप्लीकेशन/दोहराव न हो। पंजीयन 31 अक्टूबर 2025 तक कराया जा सकता है।
डिजिटल क्राप सर्वे के माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर रकबे का सर्वे कराया गया है, जिसके फलस्वरूप धान के रकबे का ऑनलाइन निर्धारण डिजिटल रूप से सुनिश्चित हुआ है।
प्रदेश के 20 हजार ग्रामों में दो अक्टूबर से डिजिटल क्राप सर्वे एवं मैन्यूअल गिरदावरी के डेटा को ग्रामसभा में पठन-पाठन कराया जा रहा है।
किसानों को बेहतर व्यवस्था को लेकर टोकन तुहर हाथ मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की गई है इसके तहत किसान स्वयं अपने सुविधा अनुसार दिनों में धान विक्रय के लिये टोकन काट सकेगें।
वास्तविक किसानों से धान खरीदी सुनिश्चित करने के लिये बायोमैट्रिक आधारित धान की खरीदी की जावेगी।
2739 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी किये जाने के लिये समितियों में समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
समितियों को खरीद विपणन वर्ष 2025-26 में शून्य सुखत आने पर पांच रुपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन दिया जायेगा।
धान खरीदी के लिये आवश्यकतानुसार नये एवं पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
खाद्य विभाग भारत सरकार के खरीफ वर्ष 2025-26 के लिये केन्द्रीय पूल में 73 लाख मीट्रिक टन चावल का लक्ष्य दिया गया है।
प्रदेश में धान की रिसाइकलिंग रोके जाने एवं बेहतर मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये पहली बार इंटिग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्द्रोल सेंटर मार्कफेड कार्यालय में स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जिलों में भी कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे।
धान खरीदी केन्द्रों में बेहतर एवं सुगम व्यवस्था के लिये कलेक्टर की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों को खरीदी केन्द्र प्रभारी बनाने का निर्णय लिया गया है।
सीमावर्ती राज्यों से खरीदी केन्द्रों धान की आवक रोके जाने के लिये विशेष चेकिंग दल जिलेस्तर पर गठित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
धान के परिवहन व्यवस्था अंतर्गत मितव्ययता को सुनिश्चित किये जाने के लिये धान के उठाव व परिवहन, भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं।