प्रदोष व्रत पर करें ये आरती, शिव-पार्वती बरसाएंगे कृपा

प्रदोष व्रत की पूजा भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। आज यानी 4 अक्टूबर,दिन शनिवार को इस माह का पहला शनि प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। इस दिन प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 03 मिनट से रात 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी आरती जरूर करें।

सबसे पहले शिव-पार्वती का ध्यान करें। उन्हें सफेद चंदन, कुमकुम, शृंगार की सामग्री, फूल-माला, बिल्व पत्र और फल-मिठाई चढ़ाएं। अंत में उनकी भव्य आरती करें, जो इस प्रकार हैं –

।।भगवान शिव की आरती।।
ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।

हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

कर के मध्य कमंडलु, चक्र त्रिशूल धर्ता।

जगकर्ता जगभर्ता, जग संहारकर्ता॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥

ॐ जय शिव ओंकारा…

।।मां पार्वती की आरती।।
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।

ब्रह्मा शिवजी भी करते, नित्य तुम्हारी माता॥

जय पार्वती माता…

अरुंधति, सरस्वती, सावित्री, गौरा मैया,

ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता॥

जय पार्वती माता…

कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री मैया,

नवदुर्गा रूप तेरे, पूजा करे हम सब मैया॥

जय पार्वती माता…

तुम ही अन्नपूर्णा, तुम ही जगजननी मैया,

तुम ही जगदम्बा, तुम ही जग कल्याणी मैया॥

जय पार्वती माता…

तुम ही सर्वेश्वरी, तुम ही वरदानी मैया,

जो कोई तेरी आरती गावे, सो पावे सुख मैया॥

जय पार्वती माता…

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker