भाजपा की नई टीम; मंथन से बनाया गया संतुलन

लंबे मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कार्यकारिणी की टीम घोषित कर दी है। 42 पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सूची में पहली बार पांच महिलाओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। नई टीम में एक साथ कई समीकरण साधने की कोशिश की गई है।

विधानसभा चुनाव 2027 में हैट्रिक बनाने की जिम्मेदारी संगठन ने युवा चेहरों को सौंपी है। लंबे मंथन के बाद संतुलन के साथ भाजपा की नई टीम घोषित की गई। इसमें पहाड़-मैदान के संतुलन के साथ ही सांसदों की हिस्सेदारी भी नजर आई है।

लगातार दो बार सत्ता पर काबिज रहने वाली भाजपा के लिए अब तीसरे विधानसभा चुनाव की चुनौती सामने खड़ी है। युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व के साथ संगठन ने इस बार नई टीम के चुनाव में लंबा मंथन किया। हैट्रिक लगाने के लिए सभी समीकरणों को साधते हुए पदाधिकारियों का चयन किया गया है। कई पुराने चेहरों पर संगठन ने लगातार भरोसा बनाकर रखा तो कई ऐसे चेहरे भी लाए गए जो कि राष्ट्रीय स्तर पर संगठन से जुड़े हुए थे।

सांसदाें के करीबियों के नाम इस सूची में शामिल होने से ये भी तय हो गया है कि उनकी भागीदारी भी इस सूची में शामिल है। उनके करीबियों को अहम पदों पर मौका दिया गया है। वहीं, संगठन में पहली बार महिला महामंत्री के पद पर दीप्ति रावत को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही दो मंत्री और दो उपाध्यक्ष पद पर महिला नेताओं को मौका दिया गया है। उम्र के लिहाज से देखें तो ज्यादातर पदाधिकारी 40 से 50 के बीच के हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि युवा, महिला और अनुभवी पदाधिकारियों की ये टीम मिशन 2027 को फतह करेगी।

हरिद्वार-दून के साथ साधा पहाड़ का संतुलन

हरिद्वार जिले से 4 नेताओं को टीम में जगह मिली है। पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद को बतौर उपाध्यक्ष शामिल किया गया है। संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर सेवा दे रही दीप्ति रावत, डॉ. स्वराज विद्वान के साथ नेहा जोशी को राज्य में जिम्मेदारी दी गई। पर्वतीय जिलों में गढ़वाल के साथ कुमाऊं से भी पूरी भागीदारी रखी गई है।

इनकी संगठन में बनी हैट्रिक

प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान पर पार्टी ने तीसरी बार भरोसा जताया है। वर्ष 2019 में उनकी नियुक्ति के बाद वह तीसरी बार चुने गए हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में बेहतर मीडिया प्रबंधन के लिए उन्हे पार्टी की ओर से तीसरी बार नियुक्ति को इनाम के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, प्रदेश कोषाध्यक्ष के पद पर पुनीत मित्तल पर लगातार तीसरी बार भरोसा कायम रहा। प्रदेश मंत्री आदित्य चौहान पर भी लगतार तीसरी बार संगठन ने भरोसा दिखाया।

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