Cancer के इलाज पर फैलाई जा रही हैं गलत जानकारियां

आज इंटरनेट पर सेहत से जुड़ी जानकारी पाना बेहद आसान हो गया है, लेकिन यही आसानी कभी-कभी खतरनाक भी साबित हो सकती है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को लेकर सोशल मीडिया और इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर बड़ी मात्रा में गलत और भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही हैं। समस्या यह है कि ये जानकारी इतनी आत्मविश्वास से साझा की जाती है कि कई लोग इसे सच मान बैठते हैं और सही इलाज से दूर हो जाते हैं।

डर और भ्रम को बनाते हैं हथियार
कैंसर का नाम सुनते ही ज्यादातर लोग डर और घबराहट से भर जाते हैं। इस डर का फायदा उठाकर कई लोग नकली दावे और झूठे इलाज को प्रमोट करते हैं। आसान भाषा, सुकून देने वाले वादे और बिना वैज्ञानिक प्रमाण वाली कहानियां- यही इन फर्जी जानकारियों का सबसे बड़ा हथियार होता है। जबकि असली चिकित्सा पद्धति में समय, धैर्य और जटिल प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, जिन्हें लोग अक्सर स्वीकारने से हिचकते हैं।

कीमोथेरेपी पर फैलाए जाते हैं झूठ
कीमोथेरेपी को लेकर सबसे ज्यादा गलतफहमियां फैलाई जाती हैं। कई सोशल मीडिया पोस्ट यह दावा करते हैं कि यह इलाज कैंसर को खत्म नहीं करता, बल्कि और बढ़ा देता है। जबकि सच्चाई यह है कि कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव जरूर होते हैं, लेकिन यह जीवन बचाने में अहम भूमिका निभाती है और मरीज के जीने की संभावना को बढ़ाती है।

क्यों फैलती है ऐसी जानकारी?
लोगों का ध्यान आमतौर पर उन संदेशों पर जल्दी जाता है, जिनमें संभावित नुकसान की बातें ज़्यादा हों। जैसे- “कैंसर का इलाज मत लो, यह जानलेवा है।” ऐसे डराने वाले संदेश सुनने में ज्यादा प्रभावशाली लगते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि कैंसर का सही और वैज्ञानिक इलाज ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

कैसे बचें फर्जी दावों से?
भ्रामक जानकारी से बचने का सबसे असरदार तरीका है सतर्कता और जागरूकता। रिसर्च बताती है कि जब लोग यह सीख जाते हैं कि झूठी खबरें और भ्रामक संदेश कैसे तैयार किए जाते हैं, तो वे आसानी से गुमराह नहीं होते।
हमेशा डॉक्टर और विशेषज्ञों की राय पर भरोसा करें।
इंटरनेट पर मिले हर “इलाज” या “घरेलू नुस्खे” पर तुरंत विश्वास न करें।
कैंसर से जुड़ी जानकारी सिर्फ प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोतों से ही लें।

सही जानकारी ही बचा सकती है जीवन
कैंसर पहले से ही एक कठिन और जटिल बीमारी है। ऐसे में गलत जानकारी न केवल इलाज को देर से शुरू करने की वजह बन सकती है, बल्कि मरीज के जीवन के लिए खतरा भी खड़ा कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि हम इंटरनेट पर फैलाई जा रही हर बात को सच मानने के बजाय विशेषज्ञों की राय लें और सही दिशा में कदम बढ़ाएं।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker