यूपी में बाढ़ का कहर, सैकड़ों गांव बने टापू, लाखों प्रभावित

नदियों में आई बाढ़ आगरा, मथुरा, अलीगढ़, शाहजहांपुर, पीलीभीत, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज समेत कई जिलों में कहर बरपा रही है। सैकड़ों गांव टापू बन गए हैं। शहर की कालोनियों में भी पानी घुस गया है। लाखों को आबादी प्रभावित है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है।

यमुना में उफान से आगरा की एक लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। दयालबाग से जीवनी मंडी तक और यमुना पार में टेढ़ी बगिया से कछपुरा तक 50 से अधिक कॉलोनियों, मोहल्लों में पानी भर गया है। सदर, एत्मादपुर, फतेहाबाद और बाह तहसील क्षेत्र में 60 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

नौ हजार लोगों का रेस्क्यू
मथुरा में यमुना का पानी लक्ष्मीनगर के घरों की एक-एक मंजिल तक भर गया। सदर बाजार, जयसिंहपुरा समेत वृंदावन की दर्जनों कॉलोनियां लबालब हो गईं। जिले के 45 गांव टापू बन गए हैं। प्रशासन ने नौ हजार लोगों का रेस्क्यू कर राहत शिविरों में भेजा है।

कुछ परिवार अभी भी कर रहे पलायन

अलीगढ़ में यमुना की बाढ़ से प्रभावित गांव महाराजगढ़ में 30 से 40 परिवार अपने घरों की छतों पर रह रहे हैं। कुछ परिवार अभी भी पलायन कर रहे हैं। बाढ़ राहत शिविर में भी लोग परेशान हैं। वहीं प्रशासन ने रविवार को भी गांवों में राहत सामग्री का वितरण किया।

शाहजहांपुर में नदियों का जलस्तर कम हुआ है लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। गर्रा और खन्नौत नदी अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं हैं। नदियों के आसपास की कॉलोनियों में पानी भरा हुआ है।

गली में आया मगरमच्छ, दहशत में लोग

पीलीभीत के ग्राम गजरौला कला सहराई में नदी-नाले उफान पर हैं। शनिवार को एक एक मगरमच्छ नदी से निकलकर गली में पहुंच गया। गली में बहते पानी के बीच उसे देख ग्रामीण दहशत में आ गए। ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए मगरमच्छ को रस्सियों से बांध लिया और तत्काल सामाजिक वानिकी टीम को सूचना दी। जानकारी मिलते ही टीम रात करीब 11 बजे मौके पर पहुंची। तब तक ग्रामीण मगरमच्छ को काबू कर चुके थे। बाद में वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ लिया और अपने साथ ले गई।

गंगा, यमुना, चंबल का जलस्तर तीसरी बार खतरे के निशान के पार

कानपुर व आसपास के जिलों में गंगा, रामगंगा, यमुना और चंबल नदियों का जलस्तर तीसरी बार खतरे के निशान के पार हो गया। कानपुर देहात के मूसानगर में 13 गांवों का संपर्क कट गया है। करीब 12 हजार की आबादी प्रभावित है। कन्नौज में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर चला गया। इससे कटरी के 60 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं।

फर्रुखाबाद में 350 गांवों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। हरदोई में गर्रा नदी का पानी बढ़ने से 99 गांव प्रभावित हैं। करीब 10 हजार की आबादी प्रभावित है। फतेहपुर में गंगा और पांडु नदियों के उफान से बिंदकी तहसील के 18 मजरे बाढ़ की चपेट में हैं। इटावा में भी यमुना नदी का पानी इटावा-ग्वालियर हाईवे के करीब तक पहुंच गया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker