महालक्ष्मी व्रत में जरूर करें ये काम

महालक्ष्मी व्रत मां लक्ष्मी की कृपा पाने का उत्तम समय है जो इस वर्ष 31 अगस्त से शुरू होकर 14 सितंबर को समाप्त होगा। माना जाता है कि इस व्रत को करने से धन सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं महालक्ष्मी व्रत से जुड़े कुछ उपाय।
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है, जो आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक किया जाता है। इस व्रत को मुख्य रूप से देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस दौरान यदि आप कुछ उपाय करते हैं, तो इससे आपको मां लक्ष्मी की कृपा की प्राप्ति हो सकती है।
जरूर करें ये उपाय
महालक्ष्मी व्रत की पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को खीर का भोग जरूर लगाए। इसके बाद इस खीर को 16 कन्याओं में बांट दें। इस उपाय को करने से धन की देवी प्रसन्न होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसके साथ ही रात में चंद्रमा को दूध से अर्घ्य दें और इस दौरान ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले वसले प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जप करें।
मिलेगा धन लाभ
महालक्ष्मी व्रत में लक्ष्मी जी की विधि-विधान से पूजा करें और दौरान उन्हें चांदी के सिक्के और कौड़ियां अर्पित कर दें। पूजा के अगले दिन इन सिक्के और कौड़ियों को एक लाल कपड़े में लपेटकर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से साधक के लिए धन लाभ के योग बनने लगते हैं।
अर्पित करें ये चीजें
महालक्ष्मी की पूजा में मां लक्ष्मी के चरणों में कमल का फूल, पलाश के फूल और श्रीयंत्र आदि अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही मां लक्ष्मी को फल-फूल, धूप-दीप, लाल वस्त्र और सोलह शृंगार की सामग्री भी जरूर अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ ही गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी जी की कृपा से साधक की धन संबंधी समस्याएं दूर होने लगती है।
रखें इन बातों का ध्यान
आपको महालक्ष्मी व्रत करने का पूर्ण फल तभी मिल सकता है, जब आप कुछ बातों का ध्यान रखें। महालक्ष्मी व्रत की अवधि में घर, मुख्य द्वार और मंदिर की साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस व्रत में, खट्टी और नमक वाली चीजों का सेवन करने की मनाही होती है।
साथ ही इस दौरान क्रोध और अपने मन में नकारात्मक विचार लाने से भी बचना चाहिए। अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।