कम हो गया यूरिन आउटपुट? Kidney Failure का हो सकता है पहला संकेत

किडनी हमारे शरीर का जरूरी अंग है। इसका हेल्दी रहना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। लेकिन आज कल की अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण हमारी किडनी को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते किडनी खराब होने का पता लग जाए, तो किडनी को बचाने में मदद मिल सकती है।
आपको बता दें कि किडनी ब्लड को फिल्टर करके टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालती है। इसके अलावा किडनी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, रेड ब्लड सेल्स को प्रोड्यूस करने और हड्डियों को भी मजबूत बनाने का काम करती है। लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि हम अपनी किडनी के बारे में तब तक नहीं सोचते जब तक कोई बड़ी परेशानी न हो जाए। राहत भरी खबर ये है कि अब आप बिना किसी टेस्ट के, अपने घर पर ही किडनी की सेहत का पता लगा सकते हैं। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको बताएंगे कि आप घर पर ही कैसे किडनी की सेहत की जांच कर सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
पेशाब की मात्रा पर ध्यान देना जरूरी
आपको बता दें कि किडनी हमारे शरीर की सफाई करती है। ये हमारे शरीर की सारी गंदगी को यूरिन के जरिए बाहर निकालती है। इसीलिए जब डॉक्टर किडनी की सेहत का अंदाजा लगाते हैं, तो वो अक्सर यूरिन की मात्रा पर ध्यान देते हैं। ये खासकर तब जरूरी होता है जब किसी को कोई चोट लगी हो, इंफेक्शन हो गया हो या शरीर में पानी की कमी हो गई हो।
कई शोध बताते हैं कि एक हेल्दी इंसान का हर घंटे अपने वजन के हिसाब से लगभग 0.5 से 1 मिलीलीटर पेशाब होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर समझें तो मान लीजिए आपका वजन अगर 60 किलो है, तो 1 घंटे में आपका पेशाब 30 से 60 ml होना चाहिए। अगर आपकी मात्रा इसके आसपास है, तो ये किडनी के ठीक काम करने का संकेत है।
घर पर कैसे चेक करें पेशाब की मात्रा?
दिन में आप कोई भी ऐसा 10 घंटे का समय चुन सकते हैं जब आप बिना किसी रुकावट के पेशाब को इकट्ठा कर सकें।
एक साफ एक लीटर की बोतल लें जिस पर मात्रा देखना के निशान बने हों।
अगले 10 घंटों तक आप जितना भी पेशाब करें, उसे इस बोतल में ही इकट्ठा करें।
10 घंटे पूरे होने के बाद बोतल में जमा हुई पेशाब की मात्रा को चेक करें।
अगर आपका वजन 60 किलो है, तो 10 घंटे में 300 से 600 ml पेशाब होना नॉर्मल माना जाता है।
अगर आपका वजन अलग है, तो आप अपने वजन के हिसाब से मात्रा का अंदाजा लगा सकते हैं।
अगर आपको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या ज्यादा पेनकिलर्स दवाएं लेने की आदत है, तो ये जांच आप महीने में एक या दो बार कर सकते हैं।
ये तरीका आपकी किडनी की सेहत का शुरुआती संकेत दे सकता है।
कम यूरिन का क्या है मतलब?
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर यूरिन की मात्रा कम रहती है, तो इससे क्या होगा? तो हम आपको बता दें कि इसका सीधा मतलब ये है कि आपकी किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे शरीर में पानी की कमी, ब्लड फ्लो की कमी या किडनी की शुरुआती खराबी।
ये हैं लक्षण
यूरिन कम होना किडनी में अचानक से आई खराबी (acute kidney injury) का एक खास लक्षण होता है। अगर ये लगातार हो रहा है तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इसके अलावा भी कुछ
लक्षण नजर आते हैं –
पैरों, टखनों या चेहरे में सूजन आना
थकावट या कमजोरी महसूस होना
झागदार या गहरे रंग का पेशाब होना
मतली या ध्यान लगाने में दिक्कत
हालांकि पेशाब की मात्रा पर ध्यान देना अच्छा तरीका है, लेकिन ये मेडिकल टेस्ट की जगह नहीं ले सकता है। अगर पेशाब की मात्रा बार-बार कम या ज्यादा हो रही हो, या शरीर में सूजन, थकान या पेशाब का रंग बदल रहा हो, तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।