टेक होम राशन घोटाले में लोकायुक्त की जांच शुरू, पूर्व सीएस इकबाल सिंह और एलएम बेलवाल पर आरोप

यह जांच पूर्व विधायक पारस सखलेचा की शिकायत पर शुरू हुई, जिसमें आरोप है कि वर्ष 2018–22 के बीच पोषण आहार योजना और ग्रामीण आजीविका मिशन में करीब 500 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ।

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी और बैंस के करीबी, आजीविका मिशन के पूर्व सीईओ ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि यह प्राथमिक जांच होने के बाद अगर प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार का मामला सामने आएगा, तब आपराधिक प्रकरण की जांच शुरू होगी। अभी प्राथमिकी दर्ज करने से पहले की जांच शुरू हुई है। पूर्व विधायक पारस सखलेचा ने नयंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में वर्ष 2018-19 से 2021-22 के बीच टेक होम राशन (टीएचआर) घोटाला उजागर होने के बाद लोकायुक्त संगठन में बैंस और ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ शिकायत की थी।

वर्ष 2023 में पारस सखलेचा ने बैंस और बेलवाल के खिलाफ पोषण आहार योजना और ग्रामीण आजीविका मिशन में कथित तौर पर 500 करोड़ का भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत की थी। जब टेक होम राशन घोटाला हुआ, तब बैंस पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव थे और टेक होम राशन उनके विभाग के अधीन ही आता है।

सखलेचा का तर्क- जांच हुई तो बहुत बड़ा घोटाला निकलेगा
पूर्व विधायक सखलेचा ने अपनी शिकायत में कहा है कि सीएजी ने लगभग 500 करोड़ का घोटाला मात्र चार वर्षों में पाया है। यदि सभी जिलों जांच की गई तो यह घोटाला इससे कई गुना बड़ा निकलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इकबाल सिंह बैंस ने पंचायत विभाग के अपने कार्यकाल में 2017 में अपने चहेते बेलवाल को वन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लाकर आजीविका मिशन का सीईओ बनाया था। इसके बाद पोषण आहार बनाने वाली सातों फैक्ट्री का कार्य एग्रो इंडस्ट्री कारपोरेशन से लेकर आजीविका मिशन को दे दिया। दिसंबर 2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने पर सातों फैक्ट्री का कार्य पुन: एग्रो इंडस्ट्रीज कारर्पोशन को सौंपा गया।

रिटायर होने के बाद संविदा पर आ गए बेलवाल
इतना ही नहीं बैंस ने मुख्य सचिव बनने के बाद बेलवाल को सेवानिवृत्ति होने पर संविदा आधार पर फिर से आजीविका मिशन का सीईओ बना दिया था। उन्होंने शिकायत में कहा है कि बेलवाल को लेकर बैंस का प्रेम देखकर लगता है कि बैंस भी इस पूरे घोटाले में शामिल हैं। इसलिए उनके खिलाफ भी जांच की जाए। हालांकि अभी तक बैंस के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार नहीं पाया गया है, जबकि बेलवाल पर आजीविका मिशन में भर्ती को लेकर पहले से प्रकरण दर्ज हैं। लोकायुक्त संगठन ने महिला एवं बाल विकास विभाग, आजीविका मिशन और अन्य संबंधित विभागों एवं कार्यालयों में जानकारी मांगने के बाद जांच पंजीबद्ध की है।

उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास विभाग छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती और 11 से 14 साल तक की स्कूल नहीं जाने वाली किशोरियों में टेक होम राशन देता है। सीएजी ने भ्रष्टाचार उजागर करते हुए मुख्य सचिव को कथित घोटाले की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराने और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए कहा था।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker