मध्य प्रदेश: सरकार ने मेट्रो प्रोजेक्ट में तुर्किए की असिस गार्ड समेत अन्य कंपनियों की सूची मांगी

भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन (AFC) सिस्टम में तुर्किए की कंपनी असिस गार्ड को दिए गए ठेके को लेकर सरकार गंभीर है। राज्य सरकार ने अब इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए मेट्रो कंपनी से यह जानकारी मांगी है कि असिस गार्ड या उससे जुड़ी कितनी अन्य कंपनियों को कार्य सौंपा गया है।

सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बात की सत्यापन प्रक्रिया शुरू कर चुकी है कि क्या असिस गार्ड जैसी अन्य कितनी कंपनियां मेट्रो परियोजना में शामिल हैं और क्या इन कंपनियों का कहीं कोई संदिग्ध या भारत विरोधी संपर्क तो नहीं है। बता दें, भोपाल और इंदौर में मेट्रो परियोजना के टिकट कलेक्शन और किराया प्रणाली का ठेका 186 करोड़ रुपये में तुर्किए की असिस गार्ड कंपनी को दिया गया था। इस ठेके के तहत कंपनी को पूरी किराया वसूली प्रणाली विकसित और संचालित करनी है। लेकिन जैसे ही इस कंपनी की सिस्टर कंपनी पर भारत विरोधी गतिविधियों में ड्रोन सप्लाई की जानकारी सामने आई, मामला गरमा गया।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस संबंध में इंदौर में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि तुर्किए की असिस गार्ड ग्रुप की एक कंपनी, जिसकी सिस्टर कंपनी ड्रोन निर्माण में संलग्न है, उसके बनाए ड्रोन हाल ही में भारत विरोधी गतिविधियों में प्रयोग किए जाने के आरोप हैं। यदि यह पाया गया कि इनका कोई भी संबंध प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारतविरोधी तत्वों से रहा है, तो सरकार अनुबंध तत्काल प्रभाव से निरस्त करेगी।

सरकार के समक्ष चुनौती यह भी है कि यदि ठेका रद्द किया जाता है तो इतने कम समय में किसी अन्य सक्षम एजेंसी को यह कार्य सौंपना आसान नहीं होगा। इंदौर मेट्रो ट्रायल के लिए तैयार है, जबकि भोपाल मेट्रो को चालू होने में चार से पांच माह लग सकते हैं। ऐसे में सरकार ने अन्य वैकल्पिक कंपनियों की संभावनाएं भी तलाशना शुरू कर दिया है। इस मामले में नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त् संकेत एस भोंडवे ने कहा कि उन्होंने असिस जैसी अन्य कंपनियों की जानकारी मांगी है।

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