आज है मासिक कालाष्टमी, जानिए पूजा विधि और शुभ योग

कालाष्टमी का पर्व बहुत मंगलकारी माना जाता है। यह दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर भक्त उपवास रखते हैं और मंदिर में जाकर विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। कालाष्टमी हर महीने कृष्ण अष्टमी के दौरान आती है। इस महीने यह 20 फरवरी, 2025 यानी आज के दिन मनाई जा रही है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन (Kalashtami 2025) भैरव बाबा की आराधना करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और मनचाहा फल मिलता है, तो आइए यहां पर सही पूजा विधि जानते हैं।
मासिक कालाष्टमी शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। फिर गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही निशिता मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 10 बजे तक रहेगा।
इसके अलावा इस शुभ दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शिववास का भी शुभ संयोग बन रहा है। इस दौरान आप भगवान काल भैरव की उपासना कर सकते हैं।
भोग
भगवान काल भैरव को मीठी रोटी का विशेष भोग लगाया जाता है। भक्त इसे घर पर भी बना सकते हैं या फिर किसी काल भैरव मंदिर के बाहर भी जाकर ले सकते हैं।
मासिक कालाष्टमी पूजन विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें। पूजा घर की साफ-सफाई करें। एक चौकी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें। फिर गंगाजल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद उनकी प्रतिमा साफ वस्त्र से पोंछे। उन्हें इत्र लगाएं और सफेद फूलों की माला अर्पित करें। चंदन का तिलक लगाएं। फल, मिठाई और घर पर बने मिष्ठान का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भक्तिपूर्वक करें।
आरती से अपनी पूजा को पूरी करें। अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। गरीबों को भोजन खिलाएं और क्षमता अनुसार दान करें।