गया औद्योगिक कॉरिडोर 33% ग्रीनफील्ड होगा, एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा

बिहार के गया जिले के डोभी में विकसित होने वाला औद्योगिक कॉरिडोर 33 फीसदी ग्रीनफील्ड (हरित पट्टी) होगा। औद्योगिक इकाई अपने लिए आवंटित भूखंड के एक तिहाई हिस्से पर ग्रीनफील्ड विकसित करेगी। सड़क किनारे भी हरित पट्टी बनाई जाएगी। बियाडा सह

बीआईएमसीजीएल (बिहार एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर गया) एमडी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बोर्ड की बैठक में इस पर मुहर लग गई है। बैठक में आईएमसी के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। गया औद्योगिक कॉरिडोर बनने के बाद प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख 9 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के तहत गया के डोभी में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) का निर्माण हो रहा है। इसके लिए पर्यावरणीय मंजूरी देते समय ग्रीनफील्ड का विकास जरूरी किया गया है। इसीलिए 33 फीसदी हरित पट्टी विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

दरअसल, एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर को 1670 एकड़ में विकसित किया जाना है। इसके निर्माण में 1339 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हरित पट्टी विकसित करने के अलावा यहां उद्योग से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के भी उपाय किए जाएंगे। पूरे परिसर में 3 किलोमीटर सड़क बनेगी। परिसर में सीवेज और अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र यानी कॉमन एफ्लूएंट प्लांट होगा। यहां प्रदूषित जल के शोधन के अलावा ठोस कचरा प्रबंधन भी होगा।

दूषित जल के शोधन और कचरा प्रसंस्करण के लिए चार यंत्र लगाने का निर्णय लिया गया है। कौशल विकास की भी व्यवस्था होगी। आईएमसी गया में औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय, सार्वजनिक, अर्द्ध सार्वजनिक और लॉजिस्टिक क्षेत्र भी होंगे।

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