हरियाणा के 40 हजार ITI छात्रों को झटका, सरकार ने की निश्शुल्क बस पास की सुविधा समाप्त

 रोडवेज विभाग ने प्रदेश की 380 राजकीय और निजी आईटीआई में नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे 50 में से 40 हजार प्रशिक्षुओं की शिक्षा की डगर मुश्किल कर दी है। विभाग ने इन 40 हजार विद्यार्थियों के निश्शुल्क बस पास की सुविधा समाप्त कर दी है।

इन प्रशिक्षुओं में 20 हजार छात्राएं भी शामिल हैं, प्रदेश सरकार छात्राओं को 150 किमी. तक निश्शुल्क बस पास की सुविधा उपलब्ध करा रही है। जुलाई 2024 से सरकार ने स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाले लड़कों के लिए भी निश्शुल्क बस पास की सुविधा दी थी।

अब बस पास की मांगी का रही है फीस

आईटीआई में एनसीवीटी के तहत आने वाली सभी ट्रेड में प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षुओं के लिए यह सुविधा बंद कर दी है। इनसे बस पास की फीस मांगी जा रही है। आईटीआई में जितने भी कोर्स करवाए जाते हैं, वह नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग या स्टेट काउंसिल फोर वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) के तहत आने वाली ट्रेड शामिल हैं।

बता दें कि प्रदेशभर में 194 राजकीय और 186 निजी आईटीआई हैं। इनमें 69 हजार 437 विद्यार्थी वर्तमान सत्र में पढ़ रहे हैं। 54 हजार 752 विद्यार्थी राजकीय आईटीआई और 14 हजार 682 निजी आईटीआई में हैं।

‘नियमों के आधार पर लिया गया फैसला’

इसको लेकर हरियाणा रोडवेज अंबाला के जीएम अश्वनी डोगरा ने कहा कि जो भी किया गया है वह नियमों के आधार पर ही किया गया है। एससीवीटी के तहत आने वाली ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों को ही निश्शुल्क बस पास की सुविधा दी जा सकती है। एनसीवीटी के अधीन आने वाली ट्रेड के विद्यार्थियों को फीस भरनी होगी। बाकी इस बारे में जो भी नियम हैं, वह रिकॉर्ड देखने के बाद ही बताए जा सकेंगे।

वहीं, राजकीय महिला आईटीआई अंबाला की प्रिंसिपल गुरचरण ने कहा कि हमारी आईटीआई में 330 छात्राएं हैं, जो कि एनसीवीटी के तहत ट्रेड में प्रशिक्षण ले रही हैं। अभी तक इन छात्राओं के निश्शुल्क बस पास बनते थे, लेकिन अब रोडवेज वाले फीस भरने के लिए कह रहे हैं। केवल एनसीवीटी ट्रेड में प्रशिक्षण ले रही छात्राओं व छात्रों के लिए फीस निर्धारित की गई है। हम जीएम रोडवेज से भी मिले थे, उन्होंने भी यही कहा कि सरकारी हिदायतों के अनुसार ही फीस ली जा रही है।

यह है अधिकारियों का तर्क

वहीं, अधिकारियों का तर्क है कि एनसीवीटी केंद्र सरकार की ट्रेड हैं, जबकि एससीवीटी राज्य सरकार की। वह राज्य सरकार के अधीन आने वाली ट्रेड में ही पढ़ने वाले बच्चों को निश्शुल्क बस पास सुविधा दे सकते हैं।

दिसंबर 2013 में छात्राओं को निश्शुल्क बस पास की सुविधा प्रदेश में मुहैया करवाई गई थी, जिसे 2017 में विस्तार देते 60 किमी से 150 किमी तक बढ़ाकर निश्शुल्क कर दिया गया था।

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