मिल्कीपुरः सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की प्रतिष्ठादांव पर

लखनऊ, अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए कल 5 फरवरी को मतदान हुआ। यहाँ भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।मतगणना 08 फरवरी को होगी। अब रिजल्ट के लिए 08 फरवरी का तो इंतजार करना ही पड़ेगा।एग्जिट पोल तो सिर्फ कयास मात्र हैं, अपने अपने नजरिये से लोग गुणा भाग लगाते हैं लेकिन असल जजमेंट तो मतदाता सुना चुके हैं लेकिन वो ईवीएम में बंद है, जब खुलेगी ईवीएम तभी जीत हार तय होगी और मिल्कीपुर का तय होगा एमएलए।

कई बार एग्जिट पोल गलत भी साबित हो चुके हैं। इसलिए 08 तारीख का इंतजार है। चुनाव आयोग के अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक शाम 5 बजे तक 65 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।इस सीट पर सपा ने फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा जबकि भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को मौका दिया। आजाद समाज पार्टी कांशीराम के संतोष कुमार चौधरी मैदान में उतरे। जनता से बातचीत के आधार पर लगाए जा रहे अनुमानों में सपा-बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर जरूर है। यहां दलित वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है। मुस्लिम और यादव गठजोड़ और दलित वोटरों के बूते समाजवादी पार्टी समर्थक अजीत को मजबूत होने का दावा कर रहे हैं।

वहीं कुछ लोग वोटिंग प्रतिशत का हवाला देते हुए बीजेपी की जीत की बात भी कह रहे हैं। वे डबल इंजन की सरकार के काम को भी बीजेपी का पलड़ा भारी होने की बात कह रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी ने ब्राह्मणों को एकजुट करने में कामयाबी हासिल की है जिसका फायदा मिल रहा है।लेकिन दूसरी तरफ चर्चा यह भी है कि बीजेपी ने बाबा गोरखनाथ का टिकट काट दिया जिसकी वजह से उनके कुछ समर्थकों में नाराजगी दिखाई दी है जिसका बीजेपी को खामियाजा भी भुगतना पड़ा है। कहने वालों ने तो यह भी कह रहे है कि गोरखनाथ के कट्टर समर्थकों ने अंदरखाने खेल कर दिया है।खैर 08 फरवरी को सब सामने आ ही जायेगा।

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