अनुकंपा पर मिली नौकरी तो मचा बवाल, चचेरे भाई की गला दबाकर कर हत्या

 जहानाबाद जिले के शहर तेलपा थाना क्षेत्र में सोमवार की रात 18 वर्षीय एक युवक की गला दबाकर हत्या कर दी गई। वह अपने ममेरे भाई के तिलक समारोह में शामिल होने झारखंड के धनबाद से चैनपुर गांव आया था, जहां उसका चचेरा भाई भी पहुंचा था। देर रात्रि बधार की तरफ घुमाने के बहाने ले जाकर चचेरे भाई ने ही उसकी हत्या कर दी।

मृतक की पहचान औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र के मीरपुर गांव निवासी हिमांशु विश्वकर्मा के रूप में की गई। वह परिवार संग धनबाद में रहता था। उसके पिता अनिल विश्वकर्मा धनबाद कोल्ड फील्ड में माइनिंग सरदार के रूप में कार्यरत हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपित चचेरे भाई गुड्डू कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जो मीरपुर गांव का निवासी है।

शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। घटना के पीछे अनुकंपा पर मिली नौकरी व पैसे का लेन विवाद बताया जाता है। थानाध्यक्ष हरिकांत कुमार ने कहा कि पुलिस आरोपित गुड्डू कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। उसपर गोह थाने में शराब की तस्करी व चोरी के मामले पहले से दर्ज हैं। वह जेल भी जा चुका है। मृतक के परिवार वालों की तरफ से अभी आवेदन नहीं मिला है, आवेदन मिलने पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मृतक के पिता को अनुकंपा पर मिली थी नौकरी

स्वजन ने बताया कि हिमांशु अपने ममेरे भाई पप्पू विश्वकर्मा के शादी समारोह में शामिल होने के लिए पिता अनिल विश्वकर्मा के साथ धनबाद से चैनपुर गांव आया था। सोमवार की रात तिलक समारोह था, सात फरवरी को गया जिले के मानपुर गांव में शादी संपन्न होनी थी।

तिलक समारोह में हिमांशु का चचेरा भाई गुड्डू कुमार भी आया था। रात्रि में वह हिमांशु को घुमाने के बहाने चैनपुर गांव से पश्चिम बधार में लेकर गया और आधी रात को वारदात का अंजाम दिया गया। पूरी रात तिलक समारोह में अनिल विश्वकर्मा अपने पुत्र की खोजबीन करते रहे, सुबह बधार में हिमांशु का शव बरामद हुआ। उसके शरीर पर जगह जगह दांत काटने और गला दबाने के निशान थे।

इस बीच मिट्टी से लोटपोट गुड्डू कुमार वहां पहुंचा, पूछताछ व तलाशी लेने पर उसके पास से हिमांशु के गले का लाकेट व पर्स मिला, जिसके बाद शक गहरा हो गया। उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया गया।

पढ़ें पूरा मामला

अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि वे दो भाई हैं। पिता विलास लोहार धनबाद में कोल्ड फील्ड में माइनिंग सरदार के रूप में कार्यरत थे, पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद छोटे पुत्र होने के नाते अनुकंपा पर मुझे नौकरी मिल गई। तभी से मेरा भाई और भतीजा नाराज चल रहे थे। अक्सर परिवार में विवाद होता था।

कुछ पैसों के लेने-देने का भी विवाद था। इसी वजह से भतीजा ने मेरे बेटे की नृशंस तरीके से हत्या कर दी। हिमांशु दो भाइयों में सबसे छोटा था। बहन प्रिया कुमारी दुमका में पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कर रही है। हिमांशु धनबाद में ही रहकर पढ़ाई करता था।

औरंगाबाद जिले के दाउदनगर में मकान बनाने के उपरांत सपरिवार वहां रहने की तैयारी थी। इसी बीच यह घटना घट गई।

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